तीसरा खंबा

घरेलू हिंसा कानून केवल स्त्रियों के लिए …

sexual-assault1समस्या-

सौरभ ने प्रतापगढ़, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

क्या घरेलू हिंसा का केस पति कर सकता है। क्या पत्नी के घर वाले जानबूझ कर पति-पत्नी का घर बिगाड रहे हों तो पत्नी के घर वालों पर कोई केस किया जा सकता है?

समाधान-

रेलू हिंसा से संबंधित कानून का नाम ‘घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 है। इस नाम से ही स्पष्ट है कि यह कानून केवल महिलाओं के लिए बनाया गया है। इस अधिनियम की धारा 3 में घरेलू हिंसा की परिभाषा दी गई है जिस में कहा गया है कि यदि व्यथित व्यक्ति के प्रति कुछ कृत्य किए गए हों या अकृत्य किए गए हों तो वे घरेलू हिंसा कहलाएंगे।

धिनियम की धारा 2 (क) में “व्यथित व्यक्ति” की परिभाषा दी गई है जिस में कहा गया है कि व्यथित व्यक्ति से कोई भी स्त्री जो प्रत्यर्थी के साथ घरेलू नाता रखती है, या रखती रही है और जो प्रत्यर्थी द्वरा घरेलू हिंसा के उस के साथ किसी कृत्य को करने का अभिकथन करती है, अभिप्रेत है।  इस से स्पष्ट है कि इस कानून के अन्तर्गत कोई भी पुरुष या पति कोई शिकायत दर्ज नहीं करा सकता।

प का अगला प्रश्न है कि पत्नी के घर वाले जानबूझ कर पति-पत्नी का घर बिगाड रहे हों तो क्या पत्नी के घर वालों पर कोई केस किया जा सकता है? इस प्रश्न का उत्तर दिया जाना तब तक संभव नहीं है जब तक आप यह स्पष्ट न करें कि वे किस तरह का कृत्य कर के आप का घर बिगाड़ने का प्रयत्न कर रहे हैं? यदि पत्नी के घऱ वाले जो कृत्य कर रहे हैं वह कोई अपराध है या फिर किसी तरह का दुष्कृत्य है तो फिर अपराधिक या दीवानी मुकदमा किया जा सकता है। लेकिन बिना किसी विवरण के यह निर्धारित करना कठिन है।

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