समस्या-
बागपत, उत्तर प्रदेश से बिजेन्द्र कुमार ने पूछा है-
जमानत का क्या मतलब होता है? कौन आदमी जमानत दे सकता है? जमानत देने वाले व्यक्ति के पास क्या, क्या दस्तावेज़ होना जरूरी होते हैं? क्या अलग अलग केस के लिये, किस प्रकार के जमानतदार की जरूरत होती है? क्या एक केन्द्र सरकार का कर्मचारी भी जमानत दे सकता है? अगर दे सकता है तो किस-किस केस मे कितने-कितने व्यक्तियों की जमानत एक साथ दे सकता है?
समाधान-
कोई भी व्यक्ति जिस की हैसियत बंधपत्र की राशि चुकाने की हो और जिस से आसानी से उतनी राशि वसूल की जा सके वह किसी व्यक्ति की जमानत दे सकता है। इस के लिए जमानतदार के स्वामित्व की उतनी संपत्ति का कोई प्रमाण होना चाहिए जिस से बंधपत्र की राशि की वसूली की जा सके। जैसे किसी वाहन का रजिस्ट्रेशन, मकान या जमीन के स्वामित्व के दस्तावेज आदि। जमानतदार की फोटो आईडी भी होनी चाहिए जिस से पता लग सके कि जमानतदार वही व्यक्ति है जो वह खुद को बता रहा है, साथ ही उस के पते का भी प्रमाण होना चाहिए। जमानतदार का एक फोटो भी होना चाहिए जिसे आजकल बंधपत्र के साथ लगाया जाने लगा है।
कोई व्यक्ति कितनी भी जमानतें दे सकता है मगर शर्त यही है कि उस के द्वारा प्रस्तुत बंधपत्र और उस की हैसियत से न्यायालय की संतुष्टि हो जाए। केन्द्रीय या राज्य सरकार का कर्मचारी जमानत दे सकता है। आम तौर पर एक मुकदमे में एक जमानतदार एक ही अभियुक्त की जमानत दे पाता है क्यों कि न्यायालय एक से अधिक लोंगों के लिए एक ही जमानतदार होना पसंद नहीं करते। एक जमानतदार ने पूर्व में किसी की जमानत दे रखी हो और उसी अदालत में दुबारा किसी दूसरे मुकदमे में जमानत देने पहुँच जाए तो न्यायालय को पता लगने पर उस व्यक्ति के बंधपत्र को न्यायालय अस्वीकार कर सकता है।