समस्या-
भोपाल, मध्यप्रदेश से राजबीर आर्य ने पूछा है –
मेरे पिताजी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से 1959 में मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग में नौकरी करने आ गये थे। उनकी म्रत्यु 1986 में हो गयी थी। हम तीन भाई हैं जो अब मध्यप्रदेश के मूल निवासी हैं। हमारी पैतृक जमीन अभी भी उत्तर प्रदेश में है जिस पर चाचा अभी ठेके पर खेती करते हैं। जिस पर कुछ समय से उन्होंने ठेके की राशी देना बंद कर दिया है। अब हम तीनों भाई जमीन बेचना चाहते हैं। लेकिन जमीन अभी चाचा के कब्जे में है। जमीन के खाते संयुक्त हैं बंटवारा नहीं हुआ है दादाजी ने घर बनवाया था। उनकी मौत के बाद घर पर भी चाचा का कब्जा है। जमीन किसी अन्य को ठेके पर देने की बात करने पर चाचा झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। हम मध्यप्रदेश में ही रहकर जमीन पर या तो लोन लेना चाहते हैं, या बेचना चाहते हैं या खाते अलग करना चाहते हैं और घर जमीन इत्यादि का बंटवारा न्यायालय के माध्यम से चाहते हैं हमें क्या और कैसे करना होगा?
समाधान-
दूसरा मार्ग यह है कि कृषि भूमि के बँटवारे के लिए आप राजस्व न्यायालय में बँटवारे तथा अलग हिस्से पर कब्जे का दावा करें। निर्णय होने पर न्यायालय की डिक्री के अनुसार तहसीलदार आप के हिस्से को नपवा कर आप को कब्जा दिलवा देगा। तब आप जमीन को बेच सकते हैं। वैसी स्थिति में आप को जमीन के अच्छे दाम मिल जाएंगे। यह भी हो सकता है कि आप खरीददार को तैयार रखें और जिस दिन आप को कब्जा मिले उसी दिन एग्रीमेंट कर के विक्रय की पूरी राशि प्राप्त कर कब्जा तुरंत खरीददार को संभला दें। बाद में वह विक्रय पत्र की रजिस्ट्री जब चाहे करवा लेगा।
मकान में बँटवारे और पृथक हिस्से के कब्जे के लिए आप को दीवानी न्यायालय में वाद प्रस्तुत करना होगा। उस के मामले में भी आप वही सब कर सकते हैं जो आप खेती की जमीन के मामले में कर सकते हैं। ये दोनों वाद आप को सहारनपुर जिले के उन न्यायालयों में करने होंगे जिन्हें आप की जमीन और मकान के स्थिति के क्षेत्र पर क्षेत्राधिकार प्राप्त है।