तीसरा खंबा

जाति या धर्म बदलने से आरक्षण के लाभ का अधिकारी नहीं हुआ जा सकता।

rp_constition-of-india1.jpgसमस्या-

राहुल शर्मा ने बंसल कालोनी, जीरापुर मध्यप्रदेश से पूछा है-

क्या एक ब्राम्हण जाति के हिंदु धर्म के व्यक्ति को बौद्ध धर्म ग्रहण करने के बाद आरक्षण का लाभ मिल पायेगा या नही?

समाधान-

मारे संविधान में आरक्षण की व्यवस्था अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को प्राप्त है। जिन जातियों को इन श्रेणियों में रखा गया है उन की एक सूची है। उस सूची में दर्ज जाति में जन्म लिए व्यक्ति को आरक्षण का लाभ मिलता है अन्य किसी को भी नहीं मिलता। जन्म लेने के पहले ही भारत में जाति निर्धारित हो जाती है। जाति परिवर्तन आसानी से नहीं होता और हो जाने पर भी यह आवश्यक नहीं है कि बदली हुई जाति को आरक्षण का लाभ मिलने पर भी जाति परिवर्तित कर शामिल हुए व्यक्ति को आरक्षण का लाभ मिल ही जाए।

आरक्षण के लिए जाति का निर्धारण करते समय यह देखा जाएगा कि व्यक्ति उस जाति में पैदा हुआ है या नहीं। धर्म परिवर्तन से जाति परिवर्तित नहीं होती केवल धर्म बदलता है जो कि एक मान्यता मात्र है। सभी बौद्धों को आरक्षण का लाभ प्राप्त नहीं है। केवल पिछड़ी जाति के बौद्धों को ही आरक्षण का लाभ प्राप्त है। एक ब्राह्मण को धर्म परिवर्तन के उपरान्त इन तीनों ही श्रेणियों में आरक्षण प्राप्त नहीं हो सकता।

Exit mobile version