तीसरा खंबा

डर से बड़ा कोई रोग नहीं …

rp_termination-of-employment.jpgसमस्या-

विकास कुमार ने साहिबगंज, झारखण्ड से समस्या भेजी है कि-


मैं एक निजी स्कूल का शिक्षक हूँ और लगभग 7 सालों से अपनी सेवा ईमानदारी से दे रहा हूँ।  विगत कुछ दिन पहले से हम पर चरित्र संबंधी आरोप लगाने का प्रयास स्कूल प्रिंसिपल और कुछ शिक्षको द्वारा मिलीभगत से किया जा रहा है। मुझे डर है कि मुझे इस तरह के आरोप में फंसा कर मुझे स्कूल से निकालने की साज़िश न हो । कृपया सलाह दे मैं अपने जीविका की सुरक्षा के लिए क्या कर सकता हूँ। मैं चरित्रहीन व्यक्ति नहीं हूँ। इस मिलीभगत में स्कूल प्रिंसिपल की भूमिका भी अहम् है।


समाधान-

र दुनिया का सब से गंम्भीर रोग है। इस से व्यक्ति जीते जी मर जाता है। सब से पहले तो आप के चरित्र हनन के डर को आप अपने दिमाग से निकाल दें। यह दुनिया है। इस में कोई भी आप पर कुछ भी आरोप लगाने को स्वतंत्र है। आप उसे पहले से नियंत्रित नहीं कर सकते। यदि कोई षड़यंत्र कर रहा है तो उस के सबूत जुटाते जाएँ। जब आप को लगे कि पर्याप्त सबूत हैं जिस से यह साबित किया जा सकता है कि आप के विरुद्ध षड़यंत्र किया जा सकता है तो आप स्वयं पुलिस के समक्ष रिपोर्ट दर्ज कराएँ कि आप के विरुद्ध मिथ्या षड़यंत्र किया जा रहा है। क्यों कि किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध इस तरह षड़यंत्र करना और नुकसान पहुँचाना अपने आप में अपराध है।

र मुझे लगता है कि इस तरह के षड़यंत्र को पकड़ना अत्यन्त दुष्कर है। इस लिए आप यह करें कि षड़यंत्रकारियों पर निगाह रखें और जब भी आप को आरोपित किया जाए तब आप जुटाए गए सबूतों के आधार पर आरोप को निराधार साबित करने का प्रयत्न करें। अभी तक आप को यह पता नहीं है कि किस तरह का आरोप आप के ऊपर लगाया जा सकता है। यदि आप को पता है तो आपने यहाँ बताया नहीं है। जो सामने नहीं है उस का उपाय नहीं बताया जा सकता। फिर जरूरी नहीं कि जो आप सोच रहे हैं वैसा ही हो, कुछ और भी हो सकता है जो आप ने सोचा न हो।

प केवल सावधान रहें। किसी तरह की कोई गलती न करें। आप पर आरोप लगाया जाए तो उस का सही तरीके से उत्तर दें। उस समय किसी अच्छे सेवा संबंधी मामलों को देखने वाले वकील से सलाह करें। और मामले के हर स्तर पर सलाह लेते रहें। हर साजिश को नहीं रोका जा सकता। पर पता लगने पर उस का मुकाबला किया जा सकता है।

निजि स्कूलों के शिक्षकों को सब से कम कानूनी संरक्षण प्राप्त है। यदि आप को आरोप लगा कर बिना उसे साबित कर के नौकरी से निकाला जाता है तो मुकदमा लड़ने और जीतने में इतना समय लग जाएगा कि आप का इस नौकरी में आना असंभव हो जाएगा। इस कारण सब से बेहतर यह है कि किसी वैकल्पिक नियोजन की तलाश करें, और आप को लगता हो कि वैकल्पिक नियोजन मिल रहा है तो फिर स्वयं इस नियोजन को छोड़ कर दूसरा नियोजन प्राप्त कर लें।

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