तीसरा खंबा

तलाक का 498-ए से कोई संबंध नहीं

लीना फिर पूछती हैं …

लीना ने पूछा था और मैं ने अपने आलेख मैं सिर्फ तलाक लूँ? या एक लड़ाई लड़ूँ? पर उत्तर दिया था कि “तलाक की कार्यवाही तुरंत कीजिए, स्थाई पुनर्भरण की मांग कीजिए। शीघ्रता से तलाक लीजिए, स्थाई पुनर्भरण जो अदालत दिलाए उसे स्वीकार कीजिए, लेकिन उसे अपनी नाक का सवाल मत बनाइए। शीघ्रता से एक शांतिपूर्ण जीवन की ओर बढ़िए।”
लेकिन लीना ने फिर पूछा है कि वह तलाक लेगी तो 498-ए की कार्यवाही का क्या होगा?

उत्तर

मैं ने लीना को उत्तर ई-मेल से दे दिया है। लेकिन यहाँ कुछ शंकाओं का समाधान सार्वजनिक रूप से करना चाहता हूँ। पति-पत्नी के बीच दो तरह के मामले होते हैं। एक वे जिनमें सुलह हो कर गृहस्थी बच जाती है। दूसरे वे जिनमें आप जितना गृहस्थी बचाने की कोशिश करते हैं उतनी ही बिगड़ती जाती है। मुकदमे बाजी इतनी लंबी खिंचती है कि दोनों ही नया जीवन शुरु करने के लायक नहीं रहते।

मुझे पहली ही बार में लगा कि यह विवाह कदापि नहीं बचेगा। लीना खुद केन्द्रीय सरकार की नौकरी में हैं। उन्हों ने उन के विरुद्ध हुए क्रूरतापूर्ण व्यवहार की शिकायत की और 498-ए का मुकदमा दर्ज हो गया है। अब वे तलाक के लिए पूछ रही हैं। मैंने उन्हें कहा कि वे तुरंत तलाक के लिए अर्जी दें और तलाक हासिल करें। उन्हों ने पूछा है कि तलाक की अर्जी के बाद 498-ए के मुकदमे का क्या होगा?

यह प्रश्न यहाँ गौण है। तलाक आप के द्वारा दिए गए सबूतों पर होता है तो 498-ए चलता रहेगा। अदालत जो भी सजा देगी वे क्रूरता करने वाले भुगतेंगे। यह मामला अदालत पर क्यों न छोड़ दिया जाए?

और यदि तलाक की अर्जी के बाद पति पक्ष सहमति से तलाक लेने का प्रस्ताव रखता है इस आधार पर कि आप 498-ए हटा लें। तो आप चाहें तो अपनी स्थाई पुनर्भरण की राशि बता दें। वे देने को तैयार हों और आप 498-ए वापस लेने को तो समझौते से सब कुछ हो जाएगा और दोनों अपना जीवन अपने तरीके से बिताने बनाने को स्वतंत्र होंगे। यदि आप चाहें कि क्रूरता का अपराध करने वालों को सजा अवश्य मिलनी चाहिए तो आप अपने सबूतों के आधार पर तलाक ले लें। 498-ए चलता रहेगा। पर थोड़ा समय अधिक लगेगा। नया जीवन आरंभ करने में देरी होगी। लीना जी या जो भी कोई और हों, अपने जीवन का निर्णय करने को स्वतंत्र हैं।

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