तीसरा खंबा

दवाखाना संचालित कर रहे व्यक्ति पर संदेह होने पर क्या करें?

समस्या-

अहमदाबाद, गुजरात से प्रकाश ने पूछा है-

किसी व्यक्ति ने दवाखाना खोल रखा है और बाहर एमईटीसी व एसएबीएस की डिग्री लिखा बोर्ड लगा रखा है।  क्या ऐसा व्यक्ति दवाखाना चला सकता है। ये डिग्रियाँ कौन सी हैं? यदि यह दवाखाना गलत खुला है तो उस की शिकायत मैं कहाँ कर सकता हूँ? और क्या ऐसी शिकायत मैं अपना नाम छुपा कर कर सकता हूँ?

समाधान-

वाखाना शब्द से प्रतीत होता है कि यह ऐसा स्थान है जहाँ कोई चिकित्सक रोगियों को देखता है और फिर दवा सुझाता है और दवा देता है। इस का एक अर्थ औषधालय या डिस्पेंसरी भी होता है। आम तौर पर भारत में दवाखाना शब्द का प्रयोग भारतीय औषध के माध्यम से रोगियों की चिकित्सा करने वाले चिकित्सक करते हैं। वे न केवल रोगियों को देखते हैं अपितु दवा भी अपने पास से ही देते हैं।

भारत में इस तरह का कार्य करने की अनुमति केवल उन्हीं लोगों है जो कि इंडियन मेडिसिन बोर्ड की राज्य कौंसिल या बोर्ड के रजिस्ट्रार के यहाँ पंजीकृत हैं। यह पंजीयन उन के द्वारा प्राप्त चिकित्सा पद्धति की शिक्षा और अनुभव के आधार पर किया जाता है। इस कारण से किसी व्यक्ति की डिग्रियों का इस बात के लिए कोई महत्व नहीं है कि वह चिकित्सा कर सकता है अथवा नहीं, अपितु महत्व इस बात का है कि वह चिकित्सा करने के लिए पंजीकृत है अथवा नहीं। उसे यह पंजीयन सही आधार पर दिया गया है अथवा नहीं?

प को यदि दवाखाना खोल कर चिकित्सा कर रहे किसी व्यक्ति के बारे में यह संदेह है कि वह इस कार्य के लिए पंजीकृत है अथवा नहीं या फिर उस व्यक्ति का पंजीकरण सही किया गया है अथवा गलत तो आप इस की जानकारी इंडियन मेडिसिन बोर्ड की अपने राज्य की कौंसिल या बोर्ड से प्राप्त कर सकते हैं। यह बोर्ड सूचना के अधिकार के अंतर्गत सूचनाएँ प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।

दि आप को पता लगता है कि दवाखाना खोल बैठे ऐसे व्यक्ति के पास कोई पंजीयन नहीं है अथवा उस का पंजीयन गलत है तो आप उस की शिकायत इंडियन मेडीसिन बोर्ड की राज्य कौंसिल या बोर्ड को कर सकते हैं। इस के साथ ही आप अपने संदेहों को प्रकट करते हुए एक शिकायत जिला स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला आयुर्वेद अधिकारी को कर सकते हैं। क्यों कि किसी भी जिले में स्वास्थ्य सेवाओँ की जिम्मेदारी इन अधिकारियों की होती है।

प ने पूछा है कि क्या आप यह शिकायत अपना नाम छुपा कर सकते हैं। नाम छुपा कर शिकायत की जा सकती है लेकिन ऐसी शिकायत का कोई अर्थ नहीं होता है। यदि कोई काम गलत हो रहा है या फिर आप को ऐसा संदेह है तो आप को अपना नाम छुपाना नहीं चाहिए। यदि आप का संदेह सही निकलता है तो एक अच्छा काम यह होगा कि एक अनधिकृत रुप से चिकित्सा करने वाला व्यक्ति पकड़ा जाएगा। यदि आप का संदेह गलत निकलता है तो आप उस व्यक्ति से जिस के विरुद्ध शिकायत की गई है क्षमा मांग लें। वैसे भी ऐसा व्यक्ति सही हुआ तो उस को तो इस से लाभ ही होगा क्यों कि ऐसी जाँच से उस की सत्यता स्थापित हो जाएगी और उस के बारे में फैले हुए सभी संदेह दूर हो जाएंगे।

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