यदि सीधे किसी मेडीकल स्टोर से दवा खरीदी जाती है और बिल बनवाया जाता है तो उसके बाद दवा नकली पाये जाने या उसके साइड इफेक्ट होने पर क्या कदम उठाना चाहिए?
प्रत्येक दवा के साथ उस के साइड इफेक्टस् का चार्ट आता है। जिस पर लिखा रहता है कि इस दवा से क्या क्या साइड इफेक्टस् हो सकते हैं। साइड इफेक्टस् का चार्ट दवा लेने के पहले पढ़ लेना चाहिए या फिर उस के बारे में अपने केमिस्ट से या चिकित्सक से जान लेना चाहिए। यदि साइड इफेक्टस् हों तो क्या करना चाहिए? प्राथमिक उपाय कर लेने पर भी जिस चिकित्सक ने दवा लेने का सुझाव दिया है उसे रोगी को शीघ्र से शीघ्र दिखाना चाहिए। आम तौर पर ये चार्ट एक छोटे से कागज पर होते हैं और बहुत ही महीन अंग्रेजी में होते हैं। होना तो यह चाहिए कि ये सामान्य रूप से पढ़े जाने लायक अक्षरों में होने चाहिए और कम से कम हिन्दी भाषी क्षेत्रों में उस का हिन्दी अनुवाद भी होना चाहिए।
यदि दवा नकली पाई जाती है तो तुरंत पुलिस को खबर करना चाहिए जिस से पुलिस त्वरित कार्यवाही कर के नकली दवा के शेष स्टॉक को जब्त कर सके और नकली दवा निर्माता, वितरक और केमिस्ट को पकड़ सके और उन्हें सजा दिला सके। नकली दवा के बारे में कार्यवाही जरूरी है क्यों कि तभी इस नकली दवा के कारोबार पर काबू पाया जा सकता है। इस के अलावा नकली दवा से हुई क्षतियों के लिए उसी प्रकार उपभोक्ता समस्या निवारण मंच के माध्यम से क्षतिपूर्ति प्राप्त की जा सकती है जैसे साइड इफेक्टस् के मामले में की जा सकती है।