तीसरा खंबा

दिया हुआ दान स्वीकार कर लिए जाने के बाद वापस नहीं हो सकता।

Giftसमस्या-

शकुन्तला ने सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

पिताजी ने सन् 2010 में मकान खरीदा, इसी मकान को पिताजी ने दानपत्र निष्पादित कर पंजीकृत करवा कर बड़ी बेटी को हस्तान्तरित कर दिया। क्या पिता की छोटी बेटी इस मकान में हिस्सा पा सकती है? क्या पिता इस दान को वापस लेने का अधिकार रखते हैं। क्या पिता के देहान्त के बाद छोटी बेटी इस मकान में हिस्सा प्राप्त कर सकती है। अब बड़ी बेटी के पिता इस मकान की कीमत बड़ी बेटी से मांग रहे हैं। बड़ी बेटी भी पिता को मकान की कीमत देना चाहती है। यह राशि दी जाए तो क्या कैसे दी जाए? क्या दस्तावेज लिखवाया जाए?

समाधान-

दि किसी व्यक्ति ने दानपत्र निष्पादित कर उसे पंजीकृत करवा कर कोई अचल संपत्ति किसी को दान कर दी हो, जिसे दान की हो उस ने उस दान को स्वीकार कर लिया हो तथा अचल संपत्ति का कब्जा भी प्राप्त कर लिया हो तो ऐसा दान निरस्त किया जाना संभव नहीं है।

दि बड़ी बेटी ने पिता के दान पत्र को स्वीकार कर उस संपत्ति पर कब्जा प्राप्त कर लिया है तो यह दानपत्र निरस्त नहीं किया जा सकता। छोटी बेटी पिता के जीवनकाल में या उन के जीवन के उपरान्त भी इस दान पत्र को निरस्त नहीं करवा सकती है और न ही उस मकान में कोई हिस्सा प्राप्त करना चाहती है। कोई भी व्यक्ति अपने द्वारा किए हुए दान को दान लेने वाले द्वारा स्वीकार करने के बाद वापस नहीं ले सकता है।

दि पिता दान किए हुए मकान का मूल्य अब मांग रहे हैं तो यह कानून के विरुद्ध है वह अब ऐसा नहीं कर सकते। लेकिन यदि पुत्री अपने पिता को धन देना चाहती है तो वह धन किसी अन्य रूप में ही देना होगा। इस धन का हस्तान्तरण किस विलेक के माध्यम से देना चाहिए यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। कोई अच्छा वकील बड़ी बेटी और पिता से बात कर के निष्पादित दानपत्र का अध्ययन और परिस्थितियों का मूल्यांकन कर के तथा दोनों पक्षों की शंकाओं और कानून को ध्यान में रखते हुए तय कर सकता है कि इस धनराशि के हस्तान्तरण के लिए किस तरह का विलेख लिखना चाहिए।

Exit mobile version