समस्या-
मेरी भाभी पाँच बहनें हैं। हमारी भाभी के पिता का अभी देहान्त हुआ है। उन्हों ने अपने जीवनकाल में काफी संपत्ति अर्जित की है। हमारी भाभी की आर्थिक स्थिति कमजोर है और आरंभ से वे ही माता-पिता की देखभाल कर रही थीं। भाभी के चार भाई हैं जो अलग अलग नौकरी करते हैं और अलग अलग रहते हैं। क्या उन के पिता की संपत्ति अपने आप माँ के नाम अन्तरित हो जाएगी? क्या हमारी भाभी का उस संपत्ति पर कोई अधिकार है? और यदि माता जी चाहे कि उन की लड़कियों का हिस्सा उन्हें मिले तो इस स्थिति में हमारी भाभी का अधिकार क्या होगा? क्या अपने आप या भाइयों की आपत्ति पर इस पर कोई रोक लग सकती है?
-विकी शुक्ला,
समाधान-
इन दसों उत्तराधिकारियों में से कोई भी एक दूसरे के अधिकार को समाप्त नहीं कर सकता। हाँ, कोई भी अपना हिस्सा दूसरे के हक में छोड़ सकता है। आप के कथन से ऐसा प्रतीत होता है कि सारी संपत्ति वर्तमान में आप की भाभी की माताजी के कब्जे में है लेकिन उन का हिस्सा उक्त संपत्ति में केवल 1/10 है। वे अधिक से अधिक अपने हिस्से को किसी के हक में छोड़ सकती हैं, लेकिन संपत्ति का स्वामित्व संयुक्त होने के कारण वे व्यवहारिक रूप से संपत्ति का कोई भाग किसी को दे नहीं सकतीं। यदि वे देना भी चाहें तो आपके भाई उस पर आपत्ति कर सकते हैं कि जब तक बँटवारा नहीं हो जाता है तब तक वे किसी को संपत्ति नहीं दे सकती हैं।
उक्त संपत्ति के दसों भागीदार चाहें तो आपस में मिल बैठ कर संपत्ति का सहमति के साथ ऐसा बँटवारा कर सकते है जो सभी को मान्य हो। लेकिन दस हिस्सेदार होने के कारण व्यवहारिक रूप से यह संभव नहीं लगता है। यदि आप की भाभी उक्त संपत्ति में से अपना हिस्सा चाहती हैं तो सब से अच्छा उपाय तो यह है कि आप की भाभी उक्त संपत्ति का बँटवारा कर के उन्हे उन का हि्स्सा देने की बात करें। यदि आपसी सहमति से बँटवारा करने को सब तैयार न हों तो वे जिला न्यायाधीश के न्यायालय में बँटवारे का वाद प्रस्तुत करें।