तीसरा खंबा

दूसरी स्त्री से विवाह कर लेने पर पहली पत्नी विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त कर सकती है

 सुमन्त राज पूछती हैं –
मैं विवाह विच्छेद के संबंध में जानना चाहती हूँ। मेरे एक पुत्र है, और मैं अपने पति से विवाह विच्छेद करना चाहती हूँ, क्यों कि मेरा पति अब मेरे साथ नहीं रहना चाहता है।  उस ने दो वर्ष पूर्व अन्य महिला के साथ विवाह कर लिया है। कृपया मुझे उचित सलाह दें। 
 उत्तर –
सुमन्त जी,
प ने बताया है कि आप के पति ने एक अन्य महिला के साथ विवाह कर लिया है और अब आप के पति आप के साथ नहीं रहना चाहते, इस कारण से आप उन से विवाह विच्छेद चाहती हैं। आप एक हिन्दू हैं और हिन्दू विधि से शासित होती हैं। हिन्दू विधि में कोई भी व्यक्ति एक पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह नहीं कर सकता और यदि करता है तो यह दूसरा विवाह कानून की दृष्टि में अवैध व अकृत विवाह है। इस विवाह को अवैध या अकृत घोषित करने के लिए आप के पति या उन की दूसरी पत्नी ही आवेदन प्रस्तुत कर सकती है। लेकिन यदि किसी अन्य कानूनी प्रकरण में उस दूसरे विवाह की वैधता का प्रश्न न्यायालय के समक्ष आता है तो न्यायालय उसे उस  प्रकरण में भी अकृत और अवैध घोषित कर सकता है। 
दि आप के पति ने दूसरा विवाह कर लिया है तो निश्चित रूप से आप गवाहों और दस्तावेजों के माध्यम से न्यायालय के समक्ष यह साबित कर सकती हैं कि आप के पति के अन्य स्त्री के साथ यौन संबंध हैं, और आप केवल इस आधार पर अपने पति से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करने के लिए न्यायालय में आवेदन कर सकती हैं। इस आवेदन में आप को सफलता प्राप्त हो सकती है और आप का अपने पति के साथ विवाह विच्छेद हो सकता है। यदि आप अपने पुत्र को अपने साथ रखना चाहती हैं तो आप उस की कस्टड़ी के लिए भी आवेदन कर सकती हैं। इस के अतिरिक्त आप अपने पुत्र के लिए उस के वयस्क होने तक की अवधि के लिए और अपने लिए दूसरा विवाह कर लेने की अवधि तक के लिए भरण-पोषण राशि प्राप्त करने की भी अधिकारी हैं। आप इस के लिए भी आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। आप अपने लिए स्थाई भरण-पोषण राशि के लिए  भी न्यायालय को आवेदन प्रस्तुत कर सकती है। 
प का जो स्त्री-धन आप के पति के आधिपत्य में है आप उस की मांग भी कर सकती हैं और पति द्वारा आप का स्त्री-धन आप को न लौटाए जाने पर यह भारतीय दंड संहिता की धारा 406 के अंतर्गत अपराध होगा। इसी तरह आप के पति ने आप के जीवित रहते दूसरा विवाह किया है, जो कि निश्चित ही मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है और धारा 498-ए के अंतर्गत अपराध है। आप चाहें तो इन दोनों अपराधों के लिए आप के पति के विरुद्ध पुलिस थाने में अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकती हैं। आप की शिकायत पर अन्वेषण के उपरान्त यदि अपराध होना पाया गया तो आप के पति को गिरफ्तार किया जा सकता है और उस के विरुद्ध न्यायालय में अपराधिक मुकदमा पुलिस द्वारा चलाया ज