दैनिक भास्कर के स्थाई रविवासरीय परिशिष्ठ रसरंग में कवर स्टोरी के रूप में विजयशंकर चतुर्वेदी ने भारतीय न्याय व्यवस्था की एक विस्तृत समीक्षा की थी। यह आलेख अब दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर उपलब्ध है और यहाँ चटका लगा कर पढ़ा जा सकता है। सभी पाठकों से आग्रह है कि उसे अवश्य पढ़ें। इस से आप को अनुमान हो जाएगा कि हमारी केंद्र औऱ राज्यों की सरकारें न्याय और न्याय प्रणाली के प्रति अपने दायित्वों के लिए कितनी गैर जिम्मेदार हैं।
समाचार पत्र दैनिक भास्कर और विजयशंकर चतुर्वेदी का आभार कि उन्हों ने भारत के हिन्दी समाचार पत्रों में देश की न्याय व्यवस्था की हालत के बारे में तथ्यों को जनता के बीच सब से पहले रखने की पहल की। निश्चित रूप से यह जनता का ऐसा मुद्दा है जिस का कोई उत्तर राजनैतिक दलों के पास नहीं है। अब तक की सभी केंद्र और राज्य सरकारों ने न्याय प्रणाली के प्रति अपने दायित्व को निभाने में अपराधिक कोताही की है जिस का दंड जनता को भुगतना पड़ रहा है और कालांतर में मौजूदा व्यवस्था को भुगतना पड़ेगा।