तीसरा खंबा

दैनिक वेतन या हस्त पावती के आधार पर लंबे नियोजन से नियमित नियुक्ति का अधिकार उत्पन्न नहीं होता

संदीप कुमार पूछते हैं —

मैं छत्तीसगढ़ लोक स्वस्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत विगत ५-6 वर्षो से डाटा एंट्री पद के विरुद्ध कार्यरत हूँ  और डाटा एंट्री का पद भी रिक्त है।  पहले के 4 वर्षो तक मुझे वेतन मेरा नाम पर नहीं दिया गया है, अभी वर्तमान में मुझे हस्त पावती विभाग मैनुअल में मेरे कार्य का भुगतान किया जा रहा है। क्या में नियमित हो सकता हूँ?
उत्तर —
संदीप जी,
किसी भी सरकारी या अर्ध सरकारी संस्थान में स्थाई और अस्थाई पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया निर्धारित होती है। जिस के अनुसार रिक्त पदों पर भर्ती के लिए एक नियमबद्ध प्रक्रिया अपनाई जाती है। उस में आरक्षण,योग्यता और सार्वजनिक रूप से आवेदनों का आवेदन आदि सम्मिलित हैं। इस तरह देश के सभी अर्हता रखने वाले व्यक्तियों को पद पर नियुक्त होने का अवसर प्रदान किया जा सके और श्रेष्ठतम प्रत्याशी का चुनाव किया जा सके। भारत का सर्वोच्च न्यायालय उमारानी बनाम रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव … के मामले में निर्धारित कर चुका है कि ऐसे पदों पर नियमानुसार ही भर्ती होनी चाहिए। किसी को दैनिक वेतन पर या हस्त पावती के आधार पर वर्षों तक अनियमित रुप से नियोजित कर उसे नियमित स्थाई नियोजन देना वास्तव में एक तरह की बेकडोर ऐंट्री देना है। इस तरह का नियमितिकरकण हमेशा अवैध होगा। 
स सिद्धांत के अनुसार आप का नियमितिकरण संभव नहीं है। फिर आप के मामले में जब तक का आप का वेतन किसी अन्य नाम से दिया गया है उस समय की सेवा का आप कोई लाभ नहीं ले पाएँगे। आप के लिए यह साबित करना असंभव है कि उस अवधि में आप सेवा में थे। हस्तपावती के नियोजन को अवश्य आप की सेवा माना जा सकता है। आप का नियमितिकरण इस पद पर तभी संभव है जब सरकार इस तरह का निर्णय ले कि जो लोग इन पदों पर काम कर रहे हैं उन की स्क्रीनिंग कर के उन्हें इन पदों की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। इस के उपरांत स्क्रीनिंग कमेटी आप को नियमित करने की सिफारिश कर दे। इस तरह आप का नियमितिकरण पूरी तरह से राज्य सरकार की इच्छा पर निर्भर है। कानून से आप को कोई सहायता मिलना वर्तमान परिस्थितियों में संभव नहीं है। 
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