तीसरा खंबा

दो वसीयत होने पर दूसरी वसीयत मान्य होगी।

Willसमस्या-

जयवीर सिंह ने आहरन एतमादपुर, आगरा, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

हाराज सिंह द्वारा दो वसीयत की गई। पहली 1979 में रजिस्टर्ड वसीयत की थी, दूसरी 2012 में की जो अनराजिस्टर्ड है। इस वसीयत के 2 माह मंथ बाद मृत्यु हो गई। पहली वसियत का हबाला भी दिया है। 2012 वाली वसीयत परिवार वाले को नहीं की है। पहली परिवार वालों के नाम थी और ये वसीयत 4 एकड़ खेती की ज़मीन की है। क्या होगा?

समाधान-

दो वसीयत होने की स्थिति में दोनों वसीयतों को अदालत में प्रमाणित करना होगा। पहली वसीयत को प्रमाणित करने में अधिक परेशानी नहीं है क्यों कि वह पंजीकृत है। उस वसीयत के गवाहों के बयानों से उसे प्रमाणित किया जा सकता है। दूसरी वसीयत को प्रमाणित करने के लिए उस के गवाहों के बयान कराने होंगे। जिस से दूसरी वसीयत भी प्रमाणित हो जाएगी।

दि दूसरी वसीयत प्रमाणित नहीं होती है तो पहली वसीयत ज्यों की त्यों मान ली जाएगी। लेकिन कानून यह है कि किसी भी संपत्ति के संबंध में संपत्ति के स्वामी की दो वसीयत होने की स्थिति में अंतिम वसीयत मान्य होगी। यदि दूसरी वसीयत प्रमाणित हो जाती है तो पहली वसीयत में इतना संशोधन होगा कि दूसरी वसीयत जिस संपत्ति के संबंध में की गई है उतनी संपत्ति दूसरी वसीयत के अनुसार वसीयती को मिल जाएगी। शेष संपत्ति के मामले में पहली वसीयत को सही माना जाएगा।

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