समस्या-
मेरा एक फ्लेट है जिसको 11 महीने के एग्रीमेंट के साथ किराये पर दिया गया है। यदि किरायेदार का चाल-चलन ठीक रहता है, तो क्या 11 महीने बाद उसी किरायेदार को नये इकरानामा पर दिया जा सकता है। ऐसी स्थिति में किरायेदारी की मियाद कुल समय सीमा से मानी जायेगी या नई इकरारनामा की समय सीमा से। साथ ही इकरारनामा के लिए कितने रुपये का स्टाम्प पेपर जरूरी होता है।
-अजित कुमार मिश्रा, कानपुर, उत्तर प्रदेश
समाधान-
जहाँ भी नगरीय किराया नियंत्रण अधिनियम प्रभावी हैं वहाँ एक बार किराए पर दिया गया परिसर केवल उस अधिनियम में वर्णित आधारों के उपलब्ध होने से ही खाली कराया जा सकता है। किराएदारी की अवधि समाप्त होने या किरायानामा में अंकित किसी अन्य शर्त के कारण परिसर खाली कराया जाना संभव नहीं है। हाँ यदि किराएदार स्वयं ही परिसर खाली करना चाहे तो उस में कोई बाधा नहीं है। यदि कभी भविष्य में आप परिसर खाली कराना चाहेंगे और किराएदार परिसर को खाली न करे तो आप को भी उत्तर प्रदेश किराया नियंत्रण अधिनियम में वर्णित आधारों पर ही खाली करा सकेंगे। इन आधारों को जानने के लिए आप किसी भी विधि पुस्तक विक्रय करने वाले पुस्तक विक्रेता से उत्तर प्रदेश किराया नियंत्रण अधिनियम का बेयर एक्ट खरीद लें आपको उस में सभी आधारों की जानकारी हो जाएगी। यहाँ इस स्थान पर सारे आधारों को बता पाना संभव नहीं है।
इस तरह किराएदारी की कोई समय सीमा नहीं है। आप किराएनामे के स्टाम्प के लिए आप के यहाँ के किसी भी स्टाम्प वेंडर से पूछ लें वह बता देगा। हर राज्य में स्टाम्प ड्यूटी अलग अलग है।