तीसरा खंबा

नोटिस लेने से इन्कार करना उसे प्राप्त करने के समान है।

समस्या-
पूनम सिंह ने भोपाल मध्य प्रदेश से पूछा है-

रेलू हिंसा और भरण पोषण के मामले में विपक्षी नोटिस लेने से बार बार इन्कार करे तो क्या करना चाहिए?

समाधान-

प ने यह नहीं बताया कि आप किस तरह के नोटिस की बात कर रही हैं? क्या आप ने मामले में न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर दिए हैं? या फिर आवेदन प्रस्तुत करने के पूर्व आप विपक्षी को नोटिस दे रही हैं जिन्हें वह न ले कर वापस लौटा देता है?

दि आप ने कोई विधिक नोटिस स्वयं दिया है या किसी वकील से दिलाया है जिसे  पंजीकृत डाक से भेजा गया है तो ऐसे नोटिस को लेने से इन्कार कर देना भी उसे लेने के समान ही है। आप नोटिस पर लिखे गए नोट के आधार पर कि प्राप्तकर्ता ने लेने से इन्कार किया नोटिस को प्राप्त किया हुआ मान कर न्यायालय में अपना आवेदन संस्थित कर सकती हैं।

लेकिन आप ने घरेलू हिंसा अधिनियम अथवा भरण पोषण के लिए कोई आवेदन संस्थित कर दिया है और न्यायालय द्वारा प्रेषित नोटिस या सम्मन लेने से इन्कार कर दिया गया है तो न्यायालय भी उस नोटिस या सम्मन को तामील किया हुआ मान कर आप के आवेदन पर आगे कार्यवाही आरंभ कर सकता है।

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