यह धारा और सरकार द्वारा अभियोजन की अनुमति प्राप्त करने की जटिल प्रक्रिया के कारण ही अपनी पदीय कर्तव्य के दौरान अपराधिक कृत्य करने वाले न्यायाधीश, मजिस्ट्रेट और लोक सेवकों को बचाती है। इस से पदीय कर्तव्यों के दौरान अपराधिक कृत्य किए जाने की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस कानून में ऐसा परिवर्तन किया जाना निहायत आवश्यक है जिस से कोई भी अपराधी दंड से बचा न रह सके।