तीसरा खंबा

न्यायालय में सबूत के बतौर एक्सपर्ट की रिपोर्ट पर्याप्त नहीं, एक्सपर्ट के बयान भी जरूरी।

IFS India

समस्या-

दिल्ली से मनोज शर्मा ने पूछा है-

मेरे पिताजी ने लगभग 20 साल पहले एक कमरा किराए पर दिया। ये कमरा हमारी पुश्तैनी जायदाद है और इस पर हम अपनी खतौनी से काम करते हैं हमारी इस पर कोई रजिस्ट्री नहीं है। 2008 में मेरे पिताजी का देहांत हो गया। 2011 में मेरी माता जी ने इस किरायेदार पर केस कर दिया। क्योंकि मेरे पिता जी विल मेरी माता के नाम कर कर गये थे। केस करने के बाद किरायेदार कहता है कि मैं तो सरकारी ज़मीन पर बैठा हुआ हूँ। लेकिन राजस्व विभाग कहता है की संपत्ति हमारी है। हम ने कोर्ट मैं अपनी खतोनी की फोटो कॉपी किरायदार के अंगूठे लगी किराए की रसीद और हाउस टैक्स की चैन प्रस्तुत की लेकिन किरायेदार कहता है ये अंगूठे मेरे नहीं हैं। हम लोगो ने हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से उसके अंगूठे की जाँच कराई।जिस में पाया गया कि उस के अंगूठे के 11 हिस्से मिलते हैं लिहाजा अंगूठे किरायेदार के ही हैं। लेकिन किरायेदार हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट मानने को तैयार नहीं है और बोलता है कि अपने हैंड राइटिंग एक्सपर्ट लाउंगा और वो लाया भी लेकिन 1 साल से रिपोर्ट परस्तुत नहीं की और गवाही भी हो चुकी है। आप से ये जानकारी लेनी है कि ये केस किस स्थिति में है, किस की बात सही हो सकती है?

समाधान-

प का मामला अदालत में है, आप ने सबूत प्रस्तुत कर दिए हैं। राजस्व विभाग की खतौनी है जो कि उस भूमि पर आप के स्वामित्व का सबूत है। हाउस टैक्स की चैन आप प्रस्तुत कर चुके हैं। हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट आप प्रस्तुत कर चुके हैं। आप ने हैंड राइटिंग एक्सपर्ट के बयान कराए हैं या नहीं यह आपने नहीं बताया। केवल रिपोर्ट ही नहीं एक्सपर्ट के बयान भी जरूरी हैं। यदि आप ने एक्सपर्ट के बयान करा दिए हैं तो ठीक है अन्यथा किसी तरह से उस के बयान अवश्य कराएँ। आप के पक्ष में इतने सबूत हैं कि निर्णय आप के पक्ष में ही जाना है।

हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट को चुनौती देना आप के प्रतिपक्षी का अधिकार है। वह ऐसा कर सकता है। लेकिन यदि वह एक वर्ष से रिपोर्ट ले कर नहीँ आ रहा है तो आप न्यायालय को कहिए कि उसे इस के लिए असीमित समय नहीं दिया जा सकता। न्यायालय उस के लिए समय सीमा निर्धारित कर देगा। फिर भी वह एक्सपर्ट की रिपोर्ट नहीं लाता है या उस का बयान नहीं कराता है तो न्यायालय मुकदमे में आगे की कार्यवाही करेगा। आप को अपने वकील पर भरोसा रखना चाहिए।

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