तीसरा खंबा

पता करें कि बिल्डिंग झुकने का कारण क्या है और उसके साक्ष्य क्या हैं?

समस्या-

अशोक मल्होत्रा 201, आदर्श अपार्टमेंट, मटियाला एक्सटेंशन, उत्तम नगर, दिल्ली ने पूछा है –

नवंबर 2012 में  चार मंजिला इमारत में बिल्डर फ्लोर खरीद कर रहने लगे थे। उसके बाद 2016 से बिल्डिंग धीरे धीरे एक साइड झुकने लग गई और मार्च 2020 में एम सी डी ने खतरनाक घोषित कर अगस्त में बिल्डिंग को गिरा दिया। हम चारों मालिकों के पास बयाना में पूरी कीमत 35 लाख रुपए लिखी है, परंतु पावर आफ अटार्नी में सिर्फ 12 लाख रुपए ही लिखी है। अब हमारे पास बिल्डर के खिलाफ क्या उपाय हैं?  हम क्या कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं?

समाधान-

आपने 2012 में फ्लोर खरीदा और उस में रहने लगे। चार वर्ष तक आप बड़े आराम से रहे। 2016 में आपको जानकारी हो गयी कि बिल्डिंग एक तरफ झुकने लगी है। तब आपने क्या कार्यवाही की? कोई कार्यवाही की भी या नहीं? क्या आपने यह जानकारी करने का प्रयत्न किया कि बिल्डिंग किस कारण से एक तरफ झुक रही है? क्या किसी निर्माण विशेषज्ञ अभियन्ता, या किसी भूगर्भ अभियन्ता से जाँच करवाई गयी कि इमारत के झुकने का कारण क्या है? क्या आपने किसी पंजीकृत सर्वेयर क्षति निर्धारक से यह निश्चित करवाया क्या कि वस्तुतः इमारत के झुकने और खतरनाक हो जाने का कारण क्या है?  एमसीडी के बिल्डिंग को खतरनाक मानने के पहले उसके इन्जिनियरों ने जाँच कर के रिपोर्ट की होगी कि बिल्डिंग को खतरनाक माने जाने का कारण क्या है और खतरनाक हो जाने का कारण क्या है? या तो आपने यह सब जानकारियाँ हासिल करने की कोई कोशिश नहीं की या फिर आपने जानकारियाँ हम से साझा नहीं की हैं।

बिल्डर ने जमीन खरीदी, उसे जाँच परख कर उस पर निर्माण किया। उसने सभी सुरक्षात्मक उपाय भी किए। फिर भी यह हादसा हो गया। उसकी क्या गलती है? हो सकता है बिल्डिंग के निर्माण में कोई कमी रह गयी हो, यह भी हो सकता है। कि जमीन के अन्दर सीपेज पानी के रिसाव से मिट्टी कट गयी हो और उस से बनी हुई जगह के कारण बिल्डिंग झुक गयी हो। ऐसी स्थिति में बिल्डर का तो कोई दोष नहीं है। तब पानी बहाव की व्यवस्था सुचारु रूप से नहीं करने के कारण यह गलती एमसीडी की भी हो सकती है। यह भी हो सकता है कि पड़ौस में किसी ने बिल्डिंग बनाने के लिए जमीन खोदी हो और उसमें पानी भरे रहने के कारण आपकी बिल्डिंग के नीचे की जमीन खिसकी हो। यह भी हो सकता है कि ट्यूबवेल आदि की खुदाई के कारण यह हुआ हो। तब आपको देखना होगा कि गलती किसकी है।

आपकी बिल्डिंग किसी गहरे भूगर्भीय परिवर्तन के कारण भी झुकी हो सकती है जो बरसाती पानी के भू गर्भीय बहाव या अन्य किसी भूगर्भीय हलचल के कारण हो सकती है।  यदि ऐसा है तो फिर इसे प्राकृतिक हादसा माना जाएगा। और आप को कोई भी राहत सरकार या किसी राहत कोष से ही मिल सकती है।

इस तरह आप की बिल्डिंग बिल्डर की किसी लापरवाही के कारण भी झुकी हो सकती है और वह नगर निगम या किसी अन्य व्यक्ति की गलती के कारण भी हो सकती है या यह भी हो सकता है कि वह किसी प्राकृतिक घटना के कारण हो।  यदि आप चाहते हैं कि बिल्डर आप की क्षतियों की भरपाई करे तो आप को यह सिद्ध करना होगा कि गलती बिल्डिर की थी। यह केवल आपके कहने से नहीं होगा। इस के लिए तथ्य और साक्ष्य एकत्र करनी होगी। यह काम आप किसी स्थानीय वकील की सहायता से ही कर सकते हैं।

2012 में जब आपने फ्लोर खऱीदा तब रेरा एक्ट नहीं था।  इस कारण उसके अन्तर्गत कार्यवाही आप नहीं कर सकते। उसमें भी बिल्डिंग खरीदने के 5 वर्ष में ही आप बिल्डर को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। जब कि अभी तो इसमें आठ वर्ष हो चुके हैं।

आप उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही कर सकते थे। लेकिन उसमें भी कार्यवाही करने की अवधि दो वर्ष ही है। जब बिल्डिंग 2016 में ही झुकने लगी थी तभी उसे नोटिस दे कर कार्यवाही आरंभ करनी चाहिए थी। लेकिन आपने नहीं की है। दीवानी न्यायालय में क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए भी मियाद 3 वर्ष की समाप्त हो चुकी है।

हाँ, यदि बिल्डर ने बिल्डिंग बनाने में कोई लापरवाही या जानबूझ कर कोई कमी रहने दी हो और आप उसे प्रमाणित करने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करने की स्थिति में हों, और यदि उस अपराध संज्ञान करने की अवधि समाप्त नहीं हुई हो  तो आप कोई अपराधिक कार्यवाही उसके विरुद्ध कर सकते हैं।

बेहतर यह है कि आप किसी अच्छे स्थानीय वकील से मिलें और परामर्श करते हुए इस नतीजे पर पहुँचें कि क्या कार्यवाही की जा सकती है, जिससे आप को राहत मिल सके।  

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