तीसरा खंबा

पति के दूसरा विवाह कर लेने पर धारा 494 भा. दं. संहिता और धारा 125 दं. प्र. संहिता की कार्यवाही उचित है . . .

two wives one husbandसमस्या-
जौनपुर, उत्तर प्रदेश से संजय ने पूछा है –

मेरे चाचा की शादी के 20 साल हो गये। बच्चे नहीं होने के कारण चाचा ने इस साल दूसरी शादी कर ली है और संपत्ति से चाची को कुछ नहीं दे रहे हैं। क्या चाची धारा 494 और 125 के तहत केस करेंगी तो उन्हें कोई लाभ मिलेगा? कृपया हमें उचित सलाह दें और बताएँ कि उन्हें मुक़दमा किस प्रकार करना चाहिए?

समाधान –

प के चाचा ने दूसरा विवाह यकायक तो नहीं कर लिया होगा। पहले से कुछ तो चाची को भी पता रहा होगा। जब वे विवाह करने वाले थे तभी उस विवाह पर दीवानी न्यायालय से व्यादेश प्राप्त कर के रुकवाया जा सकता था। खैर¡

प के चाचा का दूसरा विवाह हिन्दू विवाह अधिनियम के अन्तर्गत वैध विवाह नहीं है। इस विवाह को कर के आप के चाचा ने धारा 494 भारतीय दंड संहिता के अन्तर्गत अपराध किया है जो कि सात वर्ष तक के कारावास से दंडनीय है। यदि आप की चाची इस धारा के अंतर्गत मुकदमा करती हैं तो आप के चाचा का दंडित होना अवश्यंभावी है। इस धारा के अंतर्गत यदि आप की चाची आगे कार्यवाही न चाहें तो न्यायालय की अनुमति से राजीनामा हो सकता है। इस तरह चाचा  आप की चाची के साथ समझौता करें तो बच सकते हैं। समझौते में आप की चाची अपने भरणपोषण और भविष्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक शर्तें चाचा के सम7 रख सकती हैं।

प के चाचा के दूसरा विवाह कर लेने के कारण आप की चाची के पास चाचा से अलग रहने का कारण है और वे साथ रहने से इन्कार करते हुए भरण पोषण का खर्च उन से मांग सकती हैं। इस तरह धारा 125 दंड प्रकिया संहिता में भी आप की चाची के पक्ष में आदेश पारित किया जा सकता है। जिस में उन्हें चाची को मासिक रूप से भरण पोषण हेतु राशि अदा करना जरूरी होगा। नहीं देने पर वसूली के लिए न्यायालय चाचा को तुरन्त जेल भेज सकती है।

स तरह आप की चाची को दोनों ही कार्यवाहियों से अपनी इच्छित राहत प्राप्त हो सकती है।

Exit mobile version