तीसरा खंबा

पति धारा 125 दं.प्र.सं. में नहीं, लेकिन हिन्दू विवाह अधिनियम में पत्नी से भरण पोषण प्राप्त कर सकता है।

courtroomसमस्या-

सौरभ ने प्रतापगढ़ राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

क्या मैं अपनी पत्नी के विरुद्ध धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत भरण पोषण हेतु न्यायालय को आवेदन प्रस्तुत कर सकता हूँ?

समाधान-

धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत एक पत्नी, पुत्र, पुत्री, पिता और माता ही जो स्वयं अपना भरण पोषण करने में समर्थ नहीं हैं भरण पोषण के लिए न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। एक पति को इस अधिनियम के अन्तर्गत पत्नी से भरण पोषण प्राप्त करने का कोई उपाय उपलब्ध नहीं है। इस के साथ ही हिन्दू दत्तक एवं भरण पोषण अधिनियम में भी पति को पत्नी से भरण पोषण प्राप्त करने हेतु कोई उपाय प्राप्त नहीं है।

केवल हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 24 तथा 25 के अन्तर्गत पति को पत्नी से भऱण पोषण प्राप्त करने का उपाय प्राप्त है। इस कारण यदि आप के और आप की पत्नी के बीच हिन्दू विवाह अधिनियम के अन्तर्गत कोई विवाद किसी न्यायालय में लंबित हो तो आप उस विवाद के लंबित रहते धारा-24 के अन्तर्गत भरण पोषण प्राप्त करने तथा मुकदमा खर्चा प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। धारा 25 का आवेदन भी प्रस्तुत कर सकते हैं जिस से हिन्दू विवाह अधिनियम के लंबित विवाद में निर्णय और डिक्री पारित करते समय न्यायालय आप को भरण पोषण दिलाए जाने के लिए आदेश पारित कर सके।

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