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समस्या-
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मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से सतीश कुमार उपाध्याय ने पूछा है-
मेरी शादी 21/01/2011 को मुरादाबाद में हिंदू रीति रिवाज़ के साथ संपन्न हुई। शादी की पहली रात से ही मेरी पत्नी का व्यवहार आश्चर्यजनक लगा। पहली रात को मेरा उससे कोई शारीरिक संबंध स्थपित नही हुआ। वह संबंध बनाने में हमेशा आपत्ति जताती थी, जिससे हमारा निरंतर झगड़ा होता रहता था। उसका मेरे घर में मन ही नहीं लगता था। 2 साल 6 महीने की शादी में वह मेरे साथ मात्र 4 महीने ही रही है और 6/07/2012 से वो निरंतर अपने मायके में ही रह रही है। मैं और मेरे परिवारजन उस के पिताजी से उन के घर जाकर मिले और उसे अपने घर लाने का बहुत प्रयास किया लेकिन सफलता नही मिली। मैं ने स्वयं 16/06/1013 को अपने परिवारजनों के साथ जा कर उस से और उनके परिवारजनों से वार्ता की तो मेरी पत्नी और उसके पिताजी मुझ पर, मेरी माँ पर मारने पीटने का आरोप लगाने लगे और कहने लगे की मेरी बेटी आपके घर सुरक्षित नहीं है। इस पर मैं ने कहा कि अगर मुझ से और मेरे परिवार से आप को और आपकी बेटी को इतनी समस्या है तो हम दोनों अपना रास्ता अलग कर लें ताकि दोनो की जिंदगी सम्हल जाए। तो वो इसपर भी राज़ी नहीं हैं। मेरी पत्नी कहती है कि जब मैं कुछ बन जाऊंगी तब आऊँगी जिस की उसने कोई समय सीमा भी नहीं दी और मेरे छोटे भाई पर यौन शोषण का आरोप लगाने लगी जो कि निरर्थक है। मुझ से कहने लगी कि मैं उसके घर आ के संबंध बनाऊँ। मुझे लगता है कि वो सब मेरी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और मुझे कारण लगता है कि उस में माँ बनने की योग्यता ही नहीं है। क्यों कि जब भी डॉक्टर से चेक अप कराने की बात होती है तो उस के पिताजी अपने घर लिवा के चले जाते हैं और अब तो भेजने को तैयार भी नहीं हैं। बस आरोप लगा रहे हैं, कोई सार्थक बात भी नहीं कर रहे हैं। बस समय खींच रहे हैं ताकि मेरी जिंदगी बर्बाद हो जाए। मेरे साथ अन्याय हो रहा है। मैं इस से निजात पाना चाहता हूँ। अपनी पत्नी के साथ रहने में अब मैं सुरक्षित भी महसूस नही कर पाता हूँ, क्यों कि उनके घरवाले अच्छे लोग नही हैं, गुंडागर्दी की बातें करते हैं और अच्छे संबंध बनाने में मेरी पत्नी भी मेरा सहयोग नहीं कर रही है। बस अपनी मनमानी कर रही है जिस में उस के पिताजी और भाई सहयोग कर रहे हैं। मैं बहुत परेशान हूँ, मुझे रास्ता बताएँ।
समाधान-
आप की बात से लगता है कि आप अब अपना विवाह विच्छेद कर अपनी पत्नी से मुक्त होने की इच्छा रखते हैं। लेकिन विवाह विच्छेद के लिए कोई न कोई आधार चाहिए। वर्तमान में केवल एक आधार हो सकता है कि आप की पत्नी बिना किसी कारण के आप को छोड़ कर एक वर्ष से अधिक समय से अपने मायके में है और आना नहीं चाहती है। आप की कुछ शिकायतें तो वाजिब नहीं लगती। एक लड़की जो आप को कल तक जानती नहीं थी आप की पत्नी बन कर आती है आप घुलना मिलना चाहती है और आप पहली ही रात्रि को उस से शारीरिक संबंध बनाना चाहते हैं बिना एक दूसरे को जाने समझे। पहले ऐसा होता था लेकिन अब चीजें बदल चुकी हैं और यह लगभग संभव नहीं रहा है। वैसे भी इस की इतनी जल्दी क्या है। पति-पत्नी विवाह के उपरान्त कुछ समय एक दूसरे को समझने में ले सकते हैं। मुझे लगता है कि आप ने अपनी जल्दबाजी से यह अवसर खो दिया है।
आप की पत्नी कहती है कि वह तब आएगी जब वह कुछ बन जाएगी। इस से लगता है कि आप की पत्नी को यह लगता है कि वह कुछ बन चुकने के बाद ही आप के परिवार में आत्मसम्मान पाएगी। हो सकता है तब तक वह बच्चे की माँ नहीं बनना चाहती हो। ये सब लड़कियों में विकसित हो रहे नए मूल्य हैं। आज हर लड़की आत्मनिर्भर होना चाहती है और इस में पुरुषों का ही भला है। हमें इन नए मूल्यों का सम्मान करना चाहिए। मुझे लगता है कि आप और आप की पत्नी अभी तक एक दूसरे को ठीक से नहीं समझ सके हैं और आप दोनों को परिजनों की मध्यस्थता के स्थान पर किसी काउंसलर की मध्यस्थता की आवश्यकता है, या संभव हो तो बिना किसी मध्यस्थता के आप दोनों एक दूसरे को समझने की कोशिश करें।
आप की पत्नी का प्रस्ताव बुरा नहीं है। आप बिना कोई आग्रह दुराग्रह लिए उस के मायके में जाएँ, उस के साथ संबंध बनाए रखें। दोनों के बीच अभी प्रेम नहीं उपजा। उसे उपजने के लिए अवसर दें। एक दो दिन उस के साथ रुक कर आएँ। और हर माह इस क्रम को दो बार दोहराने का प्रयत्न करें। पत्नी को समझने की कोशिश करें और और उसे भी आप को समझने दें। मुझे लगता है इसी से आप की समस्याएँ हल हो सकती हैं।