तीसरा खंबा

पत्नी और ससुर ने विवाह विच्छेद का मन बना लिया है तो सहमति से विवाह विच्छेद हेतु आवेदन कर दें।

समस्या-

गुजरात से शिशिर ने पूछा है –
मेरी शादी 13 एप्रिल 2012 को हुई, जुलाई में मेरी पत्नी अपने मायके चली गयी। और अब वापस नहीं आना चाहती।  मैंने उसे कई बार फोन किया तो बोलती है कि मैं आपकी माँ के साथ नही रहूंगी। मैं ने उसे हाँ कह दिया, फिर भी वो आने को तैयार नहीं है।  मैने उसे वापिस बात की तो बोलती है की मैं ने दूसरा तलाश कर लिया है।  ( हो सकता है कि उस ने ऐसा गुस्से में कहा हो) अभी उसके घर वाले मुझ पर विवाह विच्छेद के लिए दबाव डाल  रहे हैं।  इसी बीच मैं ने उसे दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन का नोटिस दे दिया है।  वे लोग मुकदमा करने की धमकी दे रहे हैं।  मुझे क्या करना चाहिए?  उसके पिताजी ने पूरे गावों मैं घूम कर मुझे बदनाम कर दिया कि लड़का ना मर्द है उस में दम नहीं है।  जबकि ऐसा नहीं है।  मैं यह  जानना चाहता हूँ कि क्या मैं उन लोगों पर इसके लिए मानहानि का केस कर सकता हूँ?

समाधान-

alimonyप का अनुमान है कि पत्नी ने गुस्से में कह दिया होगा कि मैं ने दूसरा तलाश कर लिया है।  इस से यह मैं भी यह अनुमान कर सकता हूँ कि आप दोनों के बीच कुछ तो ऐसा हुआ है जिस से आप की पत्नी गुस्सा है। इतना कि उस ने पिता को बताया कि अब वह आप के साथ नहीं रहेगी।  जिस की प्रतिक्रिया में उन्हों ने आप पर तलाक के लिए दबाव डालना आरंभ कर दिया और आप को बदनाम भी किया। आप की पत्नी और उस के पिता की ये गतिविधियाँ ऐसी हैं जिन से लगता है कि वे इस रिश्ते को बना कर रखना नहीं चाहते।

प ने दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के लिए नोटिस दिया है। आप की पत्नी ने उस का कोई उत्तर नहीं दिया है तो आप दाम्पत्य अधिकारों की प्रत्यास्थापना के लिए मुकदमा भी कर सकते हैं।  आप का विवाह 13 अप्रेल 2012 को ही हुआ है इस कारण से विवाह विच्छेद के लिए आवेदन अभी 12 अप्रेल 2013 तक नहीं किया जा सकता है। मेरी राय में आप को दाम्पत्य अधिकारों की प्रत्यास्थापना के लिए मुकदमा कर देना चाहिए और अपनी पत्नी व उन के पिता को बता देना चाहिए कि आप ये मुकदमा इस लिए कर रहे हैं क्यों कि विवाह विच्छेद का मुकदमा करना विवाह की तिथि से एक वर्ष तक संभव नहीं है। यह भी बता दें कि आप की मंशा तो यह है कि पत्नी आप के साथ आ कर रहे।

दाम्पत्य अधिकारों की प्रत्यास्थापना की डिक्री प्राप्त कर लेने के उपरान्त भी यदि आप की पत्नी आप के साथ आ कर नहीं रहती है तो उसे जबरन इस के लिए मनाया नहीं जा सकता।  वह नहीं आती है तो आप को इसी आधार पर विवाह विच्छेद करने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा। मुझे नहीं लगता कि आप की पत्नी और उस के पिता विवाह विच्छेद के लिए मन बना चुके हैं।  वे फर्जी मुकदमे करें और आप परेशान हों इस से अच्छा है आप आपसी सहमति से विवाह विच्छेद करने की अर्जी दे दें।

दि आप के ससुर ने आप की बदनामी की है और उस से आप की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँची है और आप के पास इस के सबूत हैं तो आप मानहानि के लिए फौजदारी मुकदमा आप की पत्नी और उन के पिता के विरुद्ध कर सकते हैं। मानहानि के लिए क्षतिपूर्ति हेतु दीवानी मुकदमा भी किया जा सकता है।  पर मुझे नहीं लगता कि उस से कुछ हासिल हो सकता है।

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