गंगेश ने राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ से पूछा है-
मैं गोंड जाति से हूँ मेरी शादी 12.06.2012 को समाजिक रीति रिवाज से सम्पन्नहुई थी। मेरी पत्नी मेरे घर दो चार दिन रही, उसके बाद अपने मायके चली गई औरकभी कभी ही आई। बात बात में झगडा करती थी। शादी में आये सभी सामान साथ लेगई और मुझ पर मां बाप को छोड अपने साथ आने दबाव बनाती है। उस का कहना नहीं माननेके कारण वह मुझ पर दहेज प्रताडना घरेलू हिंसा का झूठा आरोप लगाकर रिपोर्टदर्ज करा दी। जहां जांच करने के बाद मुझे निर्दोष मानकर छोड दिया गया। मैंउसे लाने उस के मायके गया तो मेरी मोटरसाईकिल और मोबाईल छीन लिया। हमेंफँसाने के उददेश्य से अपनेकपडे को आग लगा दी, फोन पर गंदी गंदी गालियांदेती है और बोलती है कि तुम मुझे तलाक दोगे तो मैं आधा वेतन लूंगी। मैं और मेरीपत्नी शिक्षाकर्मी की नौकरी करते हैं। कई बार सामाजिक बैठक हो चुकी है। जहांमेरे साथ रहने की बात करते हैं और बाद में झगडा करती है। डेढ वर्ष होगया है हम दोनो को अलग रहते हुए। क्या मुझे अपनीपत्नि को भरण पोषण देना पड़ेगा,क्या मुझे तलाक मिल सकता है?
समाधान-
मुझे लगता है कि आप की जाति गोंड अनुसूचित जनजाति है। इस जाति पर हिन्दू विवाह अधिनियम लागू नहीं होता है। यदि ऐसा ही है तो आप को अपने विवाह को समाप्त करने के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत कर अपने विवाह को समाप्त कराना होगा। डेढ़ वर्ष से आप का परित्याग कर देना, आप के साथ क्रूरता पूर्ण व्यवहार करना। उस के लिए मुख्य आधार हो सकते हैं। आप को अपने क्षेत्र के किसी अच्छे वकील से संपर्क कर के विवाह विच्छेद के लिए मुकदमा कर देना चाहिए।
आप की पत्नी और आप की आय समान है। वह स्वयं अपना भरण पोषण करने में समर्थ है। इस कारण से आप की पत्नी किसी तरह का भरण पोषण प्राप्त करने की अधिकारी नहीं हो सकती। आप भरण पोषण, आधी संपत्ति या आधी आय उस के लेने के भय से कार्यवाही को न रोकें।