समस्या-
दिल्ली से मोहम्मद नसीम ने पूछा है –
मेरी शादी 15.05.1990 को हुई थी, हमारे एक बेटा भी हुआ। उसके बाद हम दोनों में झगड़े होने लगे मेरी पत्नी 1993 में अपनी माँ के पास चली गई। वहीं से महिला समिति में केस कर दिया महिला समिती में एक साल तक केस चला। हमने 1994 में दहेज का सारा सामान महिला समिति में पत्नी को दे दिया और केस वही खतम हो गया। लेकिन तलाक नहीं हुआ था। सामान लेकर मेरी पत्नी अपनी माँ के साथ ही वापस चली गई। फिर 1995 में मेरी पत्नी ने दूसरी शादी कर ली। वह तभी से दूसरे व्यक्ति के साथ रह रही है। मेरा बेटा भी मेरी पत्नी के पास है। पत्नी से मेरा तलाक नहीं हुआ है तो क्या वो आज भी कानूनन मेरी पत्नी है? मेरी पत्नी ने जो दूसरी शादी की है क्या उस शादी की कानूनी मान्यता है? और क्या मैं अदालत से अपने बेटे को अपनी अभिरक्षा में ले सकता हूँ?
समाधान-
आप की शादी अपनी पत्नी से हुई थी और तलाक नहीं हुआ है तो आप की पत्नी अभी भी आप की पत्नी है। उस ने जो दूसरी शादी की वह अवैध है जो कि धारा 494 भा.दं.संहिता के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। जिस व्यक्ति ने आप की पत्नी के साथ शादी की है वह जार-कर्म का दोषी है। जो कि धारा 497 भा.दं.संहिता के अन्तर्गत अपराध है। यदि आप साबित कर सकते हों कि आप की पत्नी ने दूसरा विवाह कर लिया है तो आप अपनी पत्नी के विरुद्ध धारा 494 भा.दं.संहिता तथा उस के साथ विवाह करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध धारा 497 भा.दं.संहिता के अंतर्गत पुलिस थाना में रिपोर्ट लिखा सकते हैं या फिर सीधे न्यायालय में शिकायत कर के मुकदमा कर सकते हैं।
यदि आप पत्नी का दूसरा विवाह साबित कर सकते हैं तो आप उसे इस आधार पर तलाक भी दे सकते हैं और अपने बेटे की अभिरक्षा प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत कर उस की अभिरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।