तीसरा खंबा

पत्नी 6 वर्ष से नहीं आ रही है तो परित्याग के आधार पर विवाह विच्छेद की डिक्री हेतु आवेदन प्रस्तुत करें

समस्या-

रायसिंहनगर, राजस्थान से कृष्णलाल ने पूछा है-

मेरी शादी 21/05/06 को सीकर हुई थी।  शादी के बाद मेरी पत्नी केवल एक दिन के लिए ही मेरे घर आई।  शादी के साढ़े छः वर्ष बीतने के पश्चात भी मेरे ससुराल वाले मेरी पत्नी को मेरे साथ नहीं भेज रहे हैं।   मैंने सारी पंचायतें, रिश्तेदार बुलवाकर मसला हल करने की हर संभव कोशिश की पर कोई नतीजा नहीं निकला।   कृपया करके इसका उचित हल बताएं कि हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत मैं क्या कदम उठा सकता हूँ?  फिर तलाक के विकल्प के बारे में भी उचित सलाह दें?

समाधान-

विवाह के छह वर्ष से आप की पत्नी आप से पृथक है इस तरह उस ने आप का परित्याग किया हुआ है।  आप के पास तलाक के लिए परित्याग का मजबूत आधार है।  आप पत्नी को लाने के लिए समस्त प्रयत्न पंचायत और रिश्तेदारों के माध्यम से कर चुके हैं।  परित्याग को साबित करने के लिए पंचायत के सदस्य और रिश्तेदार मौजूद हैं जिन की गवाही और पंचायत ने कोई लिखित निर्णय किए हों तो वे सब आप को उपलब्ध हैं।  ऐसी स्थिति में आप को तुरंत इसी आधार पर हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत विवाह विच्छेद हेतु आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए। विवाह से संबंधित विवादों में देरी का परिणाम ठीक नहीं होता इस से एक साथ दो जीवन नष्ट होते हैं।

प के प्रश्न से ऐसा प्रतीत होता है कि आप अभी भी यह आस लगाए हैं कि शायद न्यायालय के दखल से आप की पत्नी आप के पास आ कर रहने लग सकती है। लेकिन इस की संभावना कम प्रतीत होती है।  फिर भी हर वैवाहिक मामले में न्यायालय का कर्तव्य है कि वह पति पत्नी के बीच समझौते का प्रयत्न करे।  आप के द्वारा विवाह विच्छेद हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर भी न्यायालय द्वारा यह प्रयत्न किया जाएगा। यदि आप को लगे कि पत्नी वापस आ कर आप के साथ रहने को तैयार है तो वहाँ समझौता किया जा सकता है।  यदि नहीं तो साक्ष्य से परित्याग साबित कर के विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त की जा सकती है।

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