तीसरा खंबा

परिवादी को मुकदमे से पारिवारिक व आर्थिक परेशानी हो रही है, मामला कैसे समाप्त हो?

समस्या-

विगत दो वर्ष पूर्व एक लड़की को पास के गॉंव वाले लड़के के द्वारा मोबाईल पर अश्लील बातें की जा रही थी,  जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) पुलिस थाने में लिखवाई गई थी।  पिछले दो सालों से केस अदालत में लंबित है।  इसका कोई फैसला नहीं हो पा रहा है।  अदालत में हो रही देरी से इस केस में लड़की को पारिवारिक व आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है इसलिये वह चांहती है कि इस पर समझौता हो जाये,  इसके लिये क्या करना होगा?

-आनन्द, बैतूल, मध्यप्रदेश

समाधान-

प के प्रश्न से पता नहीं लगता है कि मामला किस धारा के अंतर्गत न्यायालय में चल रहा है।  धारा की जानकारी के अभाव में यह निर्धारित करना कठिन है कि इस मामले में क्या  लड़की ने या उस के अभिभावक ने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराई। यदि इस मामले में पुलिस कार्यवाही नहीं करती तो उसे बदनामी उठानी पड़ती।  पुलिस ने कार्यवाही कर दी है तो आप यह कह रहे हैं कि लड़की को पारिवारिक आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जो संभव प्रतीत नहीं होता है।  लड़की का तो अब उस मामले से सिर्फ इतना लेना देना है कि एक बार उसे अदालत में जा कर बयान देना है वह भी तब जब अदालत स्वयं समन भेज कर लड़की को बुलाए।  इस से लड़की को किस प्रकार पारिवारिक व आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है यह बात समझ नहीं आ रही है।  ऐसा तो तभी हो सकता है जब स्वयं अभियुक्त पक्ष उसे परेशान कर रहा हो।  यदि ऐसा है तो यह न्याय की प्रक्रिया में बाधा डालना है जो कि स्वयं में एक अपराध है।  इस परिस्थिति में तो लड़की या उस के अभिभावकों को मामला वापस लेने के स्थान पर परेशान करने के लिए फिर से पुलिस को या उस न्यायालय को जिस में यह मामला चल रहा है शिकायत करनी चाहिेए। जिस से न्याय में बाधा उत्पन्न करने वालों को इस कार्य के लिए भी दंडित किया जा सके।

प के प्रश्न से यह भी पता नहीं लगता है कि मामला किस धारा के अंतर्गत न्यायालय में चल रहा है।  यह संदेह भी उत्पन्न हो रहा है कि यह प्रश्न अभियुक्त पक्ष की ओर से पूछा जा रहा हो।  धारा की जानकारी के अभाव में यह निर्धारित करना कठिन है कि इस मामले में क्या हो सकता है।  इस तरह के मामलों में धारा 354 आईपीसी का अपराध बनता है। यह लड़की द्वारा शमनीय है।  यदि लड़की न्यायालय में आवेदन दे कि वह अपराध का शमन चाहती है तो मुकदमा समाप्त हो सकता है,लेकिन न्यायालय इस बात की जाँच भी कर सकती है कि लड़की कहीं दबाव में तो यह आवेदन नहीं दे रही है।

Exit mobile version