समस्या-
बालोदा बाजार, छत्तीसगढ़ से संतोष चावला ने पूछा है –
एक महिला के द्वारा सन् 1994 में आम मुख्तारनामा निष्पादित (नोटरी द्वारा अधिप्रमाणित) करते हुए ‘अ’ व्यक्ति को अपना मुख्तार आम नियुक्त किया। उसी महिला ने सन् 1994 में निष्पादित किये गये मुख्तारनामा आम को निरस्त किए बिना, ‘ ब’ व्यक्ति को अपना मुख्तार सन् 2005 में दोबारा मुख्तारनामा निष्पादित (नोटरी द्वारा अधिप्रमाणित) करते हुए ‘ब’ व्यक्ति को अपना मुख्तार आम नियुक्त किया। दूसरा मुख्तार नामा आम भी उसी सम्पत्ति/उसी कार्य के लिये किया जिस के लिए पहला किया गया था। दूसरा मुख्तार नामा आम में ‘अ’ व्यक्ति ने बतौर गवाह हस्ताक्षर किए। ऐसी दशा में सन् 1994 में पहले निष्पादित किये गये मुख्यारनामा आम की (नोटरी द्वारा अधिप्रमाणित) की वैधानिकता क्या रहेगी? तथा सन् 1994 में नियुक्त किये गये मुख्तार आम ‘अ’ की स्थिति क्या होगी?
समाधान-
अब दोनों ही मुख्तार एक ही काम को संपन्न करने के लिए काम कर सकते हैं। लेकिन यहाँ दोनों मुख्तारों का यह कर्तव्य है कि वे जो भी काम करें उस व्यक्ति के निर्देशानुसार करें जिसने उन्हें मुख्तार नियुक्त किया है। जब उन में से कोई एक उस काम को संपन्न करे तो तुरंत मुख्तार नियुक्त करने वाले व्यक्ति को तथा दूसरे मुख्तार को भी इस बात की सूचना दे कि काम संपन्न कर लिया गया है।
लेकिन इस स्थिति में यदि मुख्तारनामा में सौंपा गया काम दोनों मुख्तार करते हैं। मसलन कोई संविदा संपन्न कर लेते हैं तो जो संविदा पहले संपन्न की गई होगी वही सही मानी जाएगी। यह मुख्तारनामा जमीन को बेचने का सौदा करने के लिए दिया गया हो तो जो मुख्तार पहले सौदा कर लेगा और दस्तावेज निष्पादित कर देगा वही सही माना जाएगा। क्यों कि बाद में निष्पादित दस्तावेज इस आधार पर गलत माना जाएगा कि पहले ही उस संपत्ति का सौदा हो चुका था और संपत्ति सौदे के लिए उपलब्ध नहीं थी।