तीसरा खंबा

पहले पता करें कि क्या कोई संपत्ति पैतृक है?

rp_courtroom7.jpgसमस्या-

अजय पाण्डे ने सीहोर मध्यप्रदेश से पूछा है-

क्या पिता अपने पुत्र को दादा की (अविभाजित) पैतृक संपत्ति के अधिकार से वंचित कर सकता है?  दादा जी ने इसे स्वयं अर्जित किया था।  दादा जी का देहान्त सन् 2001 में हुआ है।  पिता ने दादा की (अविभाजित) पैतृक संपत्ति बेच कर कंपनी से  तीन नौकरी ली है।  हम 3 भाई और 1 बहन हैं, बड़ा भाई विवाहित है, पिता ने 1 नौकरी बड़े भाई और 1 नौकरी भाभी को दे दी, 1 नौकरी मुझसे छोटे भाई को दे दी। मुझे और सबसे छोटे भाई और एक बहन को नौकरी से वंचित कर दिया है।  क्या नौकरी में मेरा, छोटे भाई और  बहन का कोई हक नही बनता है?

समाधान-

पैतृक संपत्ति क्या है, इसे समझने में अक्सर गलती की जाती है। पैतृक संपत्ति का वजूद केवल हिन्दू परंपरागत विधि में है। 17 जून 1956 से हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम प्रभावी होने के उपरान्त से नयी पैतृक संपत्ति अस्तित्व में आना असंभव हो चुका है। इस कारण जो भी संपत्ति इस तिथि के पूर्व किसी पुरुष को अपने पिता, दादा या परदादा से उत्तराधिकार में प्राप्त हुई हो वही पैतृक संपत्ति है। इसलिए आप पहले जाँच लें कि आप जिस संपत्ति की बात कर रहे हैं वह पैतृक संपत्ति है कि नहीं है। यदि यह पैतृक संपत्ति है तो कोई भी किसी को भी पैतृक संपत्ति से वंचित नहीं कर सकता। यदि संपत्ति दादा या परदादा द्वारा स्वअर्जित थी और दादा या परदादा का देहान्त 17 जून 1956 के बाद हुआ है तो यह संपत्ति पैतृक नहीं हो सकती। वैसी स्थिति में आप के पिता ने जो भी अपने विवेक के अनुसार वह कानून के हिसाब से सही है।

आप के बार बार यह प्रश्न तीसरा खंबा को भेजने से कुछ नहीं होगा। इस के लिए किसी अच्छे स्थानीय वकील से सलाह लें और यदि संपत्ति पैतृक है तो उचित कानूनी कार्यवाही करें। कार्यवाही करने से हल निकलेगा केवल प्रश्न पूछते रहने से नहीं। पैतृक संपत्ति क्या है इस का उत्तर तीसरा खंबा में अनेक बार दिया जा चुका है कृपया तीसरा खंबा की पुरानी पोस्टें पढ़ें।

 

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