भाविन पटेल ने कमाणा, गुजरात से समस्या भेजी है कि-
मैं गुजरात का रहने वाला हु। मेरा गाँव “कमाणा ” हे। जो मेहसाना डिस्ट्रिक्ट के विसनगर तालुका में हे। मेरे पिताजी का नाम नयन भाई हे। और में इकलौता लड़का हु। मेरे जन्म के वक्त मेरे पिताजी की आयु 50 वर्ष थी। 2009 में 77 वर्ष की आयु में उनका देहांत हो गया। मेरे पिताजी नयन भाई कम पढ़े लिखे और बहुत धार्मिक सोच वाले व्यक्ति थे इसलिए उन्होंने भाग्य के आधार पर जितना मिला उसी में संतोष माना। लेकिन मुझे न्याय चाहिए। ऊइसलिए आपसे मार्गदर्शन पाना चाहता हु। मेरा प्रश्न : मेरे दादाजी अम्बुभाई पटेल के पास 20 विघा खेत भूमि थी। और 4 मकान भी थे। एक मकान विसनगर शहरी विस्तार में और ३ मकान गाँव में। और 3 प्लॉट भी थे । मेरे दादाजी ने मरने से पहले कोई विल नहीं बनायीं थी। मेरे दादाजी के चार बेटे थे। १. बबल भाई २. नटु भाई ३. नयन भाई (मेरे पिताजी) ४. परसु भाई। और तीन बेटिया (१) चंचल बेन (देहांत हो चूका हे) (२) मंगू बेन (90 years) (३) बबी बेन (80 years) 1960 में उनके गुजर जाने के बाद उनके चार बेटो(मेरे पिताजी सहित) ने बिना कानूनन बटवारा किये जिसके पास जितना आया ले लिया। यहाँ दर्शाई गयी सभी संपत्ति मेरे दादाजी की है। मेरे दादाजीने अपने बलबूते पर इस संपत्ति को ‘ख़रीदा’ था । 1. बबल भाई – 90 ‘ X 20 ‘ फ़ीट का मकान (जो विसनगर सिटी के शहरी विस्तार में हे ) 2. नटु भाई- (१) 90 ‘ X 25 ‘ फिट का मकान (जो गाँव में हे ) (२) 30 ‘ X 30 ‘ फिट का प्लॉट (जो गाँव में हे ) जिसमे उन्हों ने हाल ही में मकान बना लिया हे (३) 8 विघा खेत भूमि जिसमे से 3 विघा उन्होंने बेच दी हे (जो गाँव में हे ) जिसमे से 3 विघा बबल भाई की हे (४) 100 X 20 फिट का एक दूसरा प्लाट जिसमे परसु भाई का आधा हिस्सा (जो गाँव में हे ) जिसमे उन्हों ने हाल ही में मकान बना लिया हे जो बिना बटवारा किये हुआ हे 3. नयन भाई (मेरे पिताजी ) -(१) 21 X 18 फिट का एक कच्चा मकान (जो गाँव में हे ) (२) 5 विघा खेत भूमि (मेरे पिताजी की इलाज के वक्त मुझे बेचनी पड़ी थी) 4. परसु भाई- (१) 90 ‘ X 25 ‘ फिट का मकान (जो गाँव में हे ) (२) 30 ‘ X 30 ‘ फिट का प्लॉट (जो गाँव में हे ) जिसमे उन्हों ने हाल ही में मकान बना लिया हे (३) 7 विघा खेत भूमि (जो गाँव में हे ) जिसमे से 2 विघा बबल भाई की हे (४) नटु भाई वाले 100 X 20 फिट का प्लाट जिसमे परसुभाई का आधा हिस्सा (जो गाँव में हे ) और दादाजी की चल संपत्ति के तौर पर 50 तोला सोना था। और 10 किलो चांदी थी। मेरे पिताजी कहते थे की सोना और चांदी नटु भाई के पास हे और नटु भाई ने सब हड़प कर लिया। । इस वजह से चारो भाइओ में जगडे होते थे। अब (1 ) बबल भाई (2 ) नटु भाई (3 ) नयन भाई (4 ) परसु भाई सभी का देहांत हो चूका हे । यहाँ वर्णित संपत्ति का कानूनन बटवारा नही हुआ हे। लेकिन जो सम्पति जिसके नाम के साथ दिखाई हे वो सब उन्ही के नाम पे उन्होंने ट्रान्सफर करवा ली हे। यहाँ दिख रहा हे की नयन भाई के भाइयो ने संपत्तिके वितरण में नयन भाई (मेरे पिताजी ) को अन्याय किया हे। मेरे पिताजी के हिस्से में आने वाली संपत्ति कानूनन तौर पर चाहिए। अभी चल संपत्ति (सोना चांदी ) का मेरे पास कोई प्रूफ नही हे। तो कृपा आप मुझे मार्गदर्शन दीजिये की मुझे क्या करना चाहिए। (१) चंचल बेन (देहांत हो चूका हे) (२) मंगू बेन (90 years) (३) बबी बेन (80 years) सभी अपने ससुराल में हे। उनके बच्चो के भी बच्चे हे और सभी वेलसेट हे। अगर वो धार्मिक एवं कौटुम्बिक कारणों (उनकी शादी के वक्त तथा उनके बच्चो की शादी के वक्त मेरे दादाजी ने उन्हें बहुत सारा धन दिया था। और हमारी सामाजिक परम्परा के अनुसार आज भी हम उनको उपहार देते रहते हे। इसलिए वो संपत्ति में हिस्सा मांगने से मना कर रही हे ) से संपत्ति में हिस्सा लेने से मना करती हे तो क्या करना चाहिए।
समाधान-
आप की समस्या का समाधान केवल उक्त पारिवारिक पुश्तैनी संपत्ति का बँटवारा करना है। इस के लिए आप को दीवानी न्यायालय में विभाजन का वाद प्रस्तुत करना होगा तथा उक्त संपत्ति का विभाजन किया जा कर आप के हिस्से की संपत्ति का पृथक कब्जा दिलाए जाने की प्रार्थना न्यायालय से करनी होगी।
आप का कथन है कि आप की कुछ संपत्तियों को बिना कानूनी बँटवारे के कुछ हिस्सेदारों के नाम चढ़ा दिया गया है। यह कैसे संभव हुआ यह जानकारी आप ने नहीं दी है। लेकिन इस तरह यदि कहीं नामान्तरण दर्ज हुआ है तो उसे भी चुनौती देनी होगी कि वह गलत हुआ है उसे निरस्त किया जाए।
इस संबंध में आप को समस्त रिकार्ड के साथ किसी स्थानीय वकील से राय करनी चाहिए और उस की राय और निर्देेशन के आधार पर दीवानी वाद व अन्य कार्यवाहियाँ करनी चाहिए।