तीसरा खंबा

पुत्री पुश्तैनी सहदायिक संपत्ति में अपना हिस्सा प्राप्त करने के लिए बंटवारे का वाद संस्थित कर सकती है।

समस्या-

परमजीत खन्ना ने मरीवाला टाउन, मणिमाजरा, चंडीगढ़ से पूछा है-

म दो भाई बहन हैं। मेरे पापा को मेरे दादा जी से 1974 में संपत्ति विरासत में मिली थी। मेरे दादा जी को 1911 मे मेरे परदादा जी से संपत्ति विरासत मे मिली थी। मेरे पापा ने आधी संपति बेच दी। आधी संपत्ति की वसीयत मेरे भाई के नाम कर दी। मेरे पापा की मृत्यु 2016 मे हो गयी मेरे भाई  ने संपत्ति अपने नाम करवा ली। क्या इस संपत्ति में मेरा हिस्सा मिल सकता है?

समाधान-

बिलकुल आप को पिता और दादा से आई इस पुश्तैनी संपत्ति में आप का हिस्सा प्राप्त हो सकता है.

आप को इतना करना होगा कि आप जो संपत्ति आपके दादा जी को विरासत में उन के पिता से प्राप्त हुई थी उस का तथा आप के दादा जी जो संपत्ति उन के पिता से विरासत में मिली थी उस का रिकार्ड या सबूत जुटाना होगा। क्यों कि आप के हिस्से का निर्धारण उसी के आधार पर किया जा सकता है। फिलहाल हम आप के द्वारा दिए गए तथ्यों के आधार पर हमारी राय बता रहे हैं।

आप के पापा को जो संपत्ति 1974 में विरासत में मिली थी वह पुश्तैनी और सहदायिक संपत्ति थी। इस तरह उस संपत्ति में उन की संतानों का जन्म से ही अधिकार उत्पन्न हो गया था। 2005 में पारित कानून से पुत्रियों को भी सहदायिक संपत्ति में पुत्र के समान अधिकार उत्पन्न हो गया है। इस तरह आप के पिता ने पुश्तैनी संपत्ति में जो हिस्सा बेचा वह उन का हिस्सा बेचा है। जो बचा उस में आप का व भाई का हिस्सा मौजूद था।

आपके पिता ने वसीयत से जो संपत्ति आप के भाई को दी है वह वसीयत करना उचित नहीं है। आप के पिता केवल अपने हिस्से की जमीन वसीयत कर सकते थे। न कि पुत्र व पुत्री के हिस्से की जमीन। इस तरह वसीयत का कोई मूल्य नहीं है। आप के पिता को जो कुछ विरासत में  मिला था उस की एक तिहाई संपत्ति आप का हिस्सा है और आप उसे प्राप्त करने के लिए बंटवारे का वाद अपने भाई के विरुद्ध कर सकती हैं और अपना हिस्सा प्राप्त कर सकती हैं।

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