समस्या-
अमित कुमार ने ग्राम रालामाऊ, जिला सीतापुर उत्तर प्रदेश से पूछा है-
थाने में पुलिस ने मुझे बहुत मारा पीटा, कारण इस प्रकार है कि मेरी बहन ने लव- मैरिज एक ही गाँव में कर ली। अब ससुराल वाले उसे रखना नहीं चाहते। मेरी बहन के ससुर थाने में चौकीदार हैं और सुलह एक तरफा करना चाहते हैं कि लड़की कि शादी कहीं दूसरी जगह कर दो। मेरे मना करने पर मेरे पिता जी को थाने में दो डंडे मारे जिससे मैंने पुलिस के खिलाफ प्रार्थना पत्र जन सुनवाई पर दे दिया। उसके बाद पुलिस घर आई और मुझे मारने लगी, जिसका मैंने विडियो बना लिया। उसके बाद पुलिस ने मुझे लात और घूसों से बहुत मारा। उन्हें लगा कि यह मर सकता है। मुझे सरकारी हॉस्पिटल ले गए और डॉक्टरी कराने के बाद मुझे धारा 151 दं.प्र.सं. में जिला कारागर में बंद करवा दिया। मेरे साथ मेरे पिता जी, माता जी और बहन और दूसरी पार्टी का मेरी बहन का पति, और ससुर को साथ में बंद कर दिया गया। मेरे मोबाइल को रिसेट करके वापस दिया गया, लेकिन मेरे पास वीडिओ सुरक्षित है और कई सबूत हैं। मेरी समझ में नहीं आ रहा अब मैं क्या करूँ? कहाँ जाऊँ? पुलिस के खिलाफ अगर कार्यवाही करूंगा। तो फिर न बंद करवा दे। कृपा सहायता कीजिये।
समाधान-
पुलिस ने जो कुछ किया उससे आप के मन में यह भय उत्पन्न हो गया कि यदि आप पुलिस के विरुद्ध कुछ कार्यवाही करेंगे तो आपके साथ फिर से वैसी ही या उससे भी अधिक कड़ी कार्यवाही की जा सकती है और फिर से बन्द किया जा सकता है। इस भय के कारण आप कुछ नहीं करना चाहते। यही पुलिस चाहती है। लोग इसी भय के कारण पुलिस की शिकायत नहीं करते और पुलिस की इस अवैधानिक गतिविधि को प्रश्रय मिलता है। भय से कार्यवाही न करने वालों ने ही पुलिस को निरंकुश बनाया है। इस कारण हमारा सुझाव है कि आपको अवश्य कार्यवाही करनी चाहिए। आपको आपके विरुद्ध कार्यवाही करने और मारपीट करने की शिकायत एसपी से ले कर पुलिस के उच्चतम अधिकारियों तक को, राज्य के गृह मंत्री को और यहाँ तक कि मुख्यमंत्री तक को करना चाहिए। अपनी आपबीती को जितना हो सके मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोगों तक पहुँचाना चाहिए।
जहाँ तक आपकी बहिन की समस्या का सवाल है, आपने अपनी समस्या में यह कहीं नहीं बताया कि जिस लड़के से आपकी बहिन ने विवाह किया है उसका खुद का मन्तव्य और व्यवहार क्या है? यदि वह भी अब अपने पिता के कहे में है तो आपकी बहिन को खुद ही उनके साथ रहने से इन्कार कर देना चाहिए और विवाह से छुटकारा पाने के लिए तलाक के लिए आवेदन करना चाहिए।
इस के साथ ही आपकी बहिन को घरेलू हिंसा अधिनियम तथा धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता में भरण पोषण प्राप्त करने के लिए न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए इसके साथ ही धारा 498-ए आईपीसी के अन्तर्गत पति वह इसके सम्बन्धियों द्वारा क्रूरता पूर्ण व्यवहार के लिए न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले आपको निकट के किसी अच्छे वकील से परामर्श करना चाहिए और उसके परामर्श के अनुसार यह सब कार्यवाहियाँ करनी चाहिए।