तीसरा खंबा

पैतृक संपत्ति में आपके हिस्से को आप वसीयत कर सकते हैं।

समस्या-

श्रीमती (अनाम) ने अयोध्या, उत्तर प्रदेश से पूछा है-

मेरी उम्र 75 वर्ष होने वाली है। मेरे पति की मृत्यु वर्ष 1994 में ही हो चुकी है। वर्तमान में मेरे तीन लड़कियाँ और एक लड़का है, जबकि (एक लड़के की मृत्यु हो गई उसका कोई परिवार नहीं है) सभी बच्चों की शादी हो गई है। सब लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं, मेरी बड़ी लड़की को मेरे पति ने अपने खेत में एक भूखंड रहने के लिए दिया था। लेकिन कोई कागजी कार्यवाही नहीं हुई थी,  तब से वो अपना मकान बनवाकर रहती है। क्या अब मैं अपनी बड़ी लड़की को वसीयत करके उस जमीन को दे सकती हूँ? कुछ लोग कहते हैं कि सिर्फ स्व-अर्जित प्रॉपर्टी की वसीयत की जा सकती है पैतृक संपत्ति की नहीं?  कृपया मार्गदर्शन करें।

समाधान-

आपने बताया है कि जिस जमीन का एक हिस्सा आपकी बड़ी पुत्री को आप के पति ने मकान बना कर रहने के लिए दिया गया था वह खेत का था। इसका सीधा अर्थ है कि यह खेती की अर्थात राजस्व की जमीन थी। राजस्व की जो भी जमीन है उसमें आपके पति की मृत्यु के समय विवाहित पुत्रियों को उत्तराधिकार प्राप्त नहीं था। जिससे उन्हें आपके पति की संपत्ति में कोई हिस्सा प्राप्त नहीं हुआ। किन्तु आपको तथा आपके पुत्र को आधा-आधा हिस्सा प्राप्त हुआ है। अर्थात वर्तमान में उक्त कृषि भूमि में से आधे की आप स्वामिनी हैं और आधे का स्वामी आपका पुत्र है।

कोई भी कृषक अपने हिस्से की कृषि भूमि की वसीयत कर सकता है और वह मान्य है। आप अपने हिस्से की समूची कृषि भूमि को वसीयत कर सकती हैं। यदि कृषि भूमि के अतिरिक्त अन्य कोई संपत्ति है तब उसे भी आप वसीयत कर सकती हैं।

क्योंकि आप अपने हिस्से की कृषि भूमि तथा अन्य सम्पत्ति को वसीयत कर सकती हैं। इस कारण आप अपनी कृषि भूमि का वह हिस्सा जिस पर आपकी बडी पुत्री ने मकान बनाया है, उसे वसीयत कर सकती हैं। चूंकि मकान आपकी भूमि पर बनाया गया है इस कारण उस पर भी कानूनी रूप से आपका ही स्वामित्व है। आपको वसीयत करते समय केवल भूमि की ही नहीं नहीं करनी है अपितु उस पर बने मकान को वसीयत किए जाने का उल्लेख करना है। आप वसीयत करके उसे पंजीकृत करा कर आपकी पुत्री को दे दें। जिससे वह भविष्य में उनके काम आ सके।


Exit mobile version