नवीन ने गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मैंने 24 फऱवरी 2014 को नोएडा, उत्तर प्रदेश के एक न्यूज चैनल में मैनेजिंग एडिटर के तौर पर ज्वाइन किया। छोटे स्तर की इस कंपनी ने मुझे ऑफर लेटर और पहचान पत्र दिया, लेकिन ज्वाइनिंग लेटर आदि दूसरे कोई भी दस्तावेज नहीं दिए। मार्च, अप्रैल, मई और जून में मुझे चेक से वेतन मिला, कई बार देर सवेर। लेकिन जुलाई का वेतन रोक लिया गया। कहा- कंपनी में आर्थिक संकट है, बाद में मिलेगा। इस दौरान वेतन 1.5 लाख का तिहाई हिस्सा 50 हजार रुपये देकर बोला- बाकी बाद में मिलेगा। अगस्त और सितंबर में भी वेतन नहीं मिला तो मैंने ऑफिस जाना बंद कर दिया। कंपनी ने 50-50 हजार की दो किश्ते फिर दीं, यानी जुलाई 14 तक का वेतन पूरा किया, लेकिन बाकी के दो महीने का वेतन नहीं दे रही, जो 3 लाख रुपये होता है। कंपनी इन्कम टैक्स तो काटती रही, लेकिन पीएफ आदि कोई दूसरी कटौती या सुविधा किसी कर्मचारी को नहीं देती। मैंने अभी लिखित इस्तीफा नहीं सौंपा है, लेकिन वेतन वेतन मिलने की संभावना भी नहीं लग रही, ऐेसे में मुझे क्या करना चाहिए? अपना वेतन लेने के लिए कानूनन किस तरह का कदम उठाना ठीक रहेगा?
समाधान-
आप का जुलाई 14 तक का वेतन प्राप्त हो चुका है। लगता है आप 14 अक्टूबर तक ड्यूटी करते रहे उस के उपरान्त आप ने काम पर जाना बन्द कर दिया। बेहतर होता कि आप काम पर जाना बन्द करने के स्थान पर अपने कांट्रेक्ट की शर्तों के अनुसार त्यागपत्र दे देते जिस में कारण भी स्पष्ट कर देते कि कंपनी आर्थिक संकट का बहाना बना कर वेतन अदा नहीं कर रही है इस कारण आप त्यागपत्र दे रहे हैं। बकाया वेतन का तुरन्त भुगतान किया जाए।
खैर, त्याग पत्र तो आप तुरंत दे ही दें। उसे आप पिछली उस तिथि से भी दे सकते हैं जिस तिथि से आप ने कार्यालय जाना बन्द कर दिया था। वजह वेतन का समय से न मिलना और कंपनी का आर्थिक संकट में होना ही बताना चाहिए।
आप के बकाया वेतन के लिए आप कंपनी को कानूनी नोटिस दे दें कि यदि वे 15 दिन में आप का बकाया वेतन अदा नहीं करते हैं तो आप उन के विरुद्ध बकाया वेतन की वसूली के ले दीवानी न्यायालय में वाद प्रस्तुत करेंगे जिस के हर्जे खर्चे के लिए भी कंपनी जिम्मेदार होगी।