तीसरा खंबा

बालक और उस की संपत्ति का संरक्षक नियुक्त करने हेतु जिला कलेक्टर का आवेदन।

rp_CUSTODY-OF-CHILD-254x300.jpgसमस्या-

सुरेन्द्र कुमार ने चिड़ावा, राजस्थान समस्या भेजी है कि-

गार्जियन्स एण्ड वार्ड एक्ट 1890 की धारा 8 बी के अन्तर्गत अवयस्क बच्चे के लिए जिसे गोद लेने वाले माँ और बाप दोनों की मृत्यु हो गई है उस की संपत्ति का कस्टोडियन और सरंक्षक तथा अवयस्क स्वयं का संरक्षक नियुक्त करने का प्रार्थना पत्र जिला कलेक्टर संबंधित जिले जहाँ उसकी संपत्ति है उसके जिला एवं सत्र न्यायाधीश को किन परिस्थितियो में भिजवा सकता है? ऐसा करने के लिए नाबालिग को स्वयम् कलेक्टर को आवेदन करना होगा या अन्य व्यक्ति द्वारा कलेक्टर को उस की सूचना देने पर सूचना के आधार पर भी कलेक्टर एक व्यक्ति को कस्टोडियन एवं संरक्षक नियुक्त करने का पत्र धारा 10(2) के तहत भिजवा देना चाहिए?

समाधान-

संरक्षक एवं प्रतिपाल्य अधिनियम की धारा-8 व 10 में जो प्रावधान दिए गए हैं उन में एक जिला कलेक्टर को यह सुविधा दी गयी है कि किसी बालक और उस की संपत्ति का संरक्षक नियुक्त करने हेतु वह आवेदन कर सकता है। पूरा कानून इस मामले में मौन है कि वह ऐसा कब कर सकता है? वैसी स्थिति में यह कलेक्टर की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह स्वतः ऐसा कर सकता है या किसी भी व्यक्ति अथवा स्वयं बालक के आवेदन पर ऐसा कर सकता है। लेकिन कलेक्टर को ऐसा आवेदन जिला न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत करने को बाध्य नहीं किया जा सकता।

स तरह के मामलों में कलेक्टर के कर्तव्यो को निर्धारित करने वाला कोई निर्णय किसी न्यायालय का उपलब्ध नहीं है। किन्तु इस कानून से यह स्पष्ट है कि जब भी कलेक्टर को यह जानकारी हो कि उस के जिले में कोई बालक और उस की संपत्ति का कोई वैध संरक्षक नहीं है तो उस की जिम्मेदारी है कि ऐसा प्रार्थना पत्र वह जिला न्यायाधीश को प्रस्तुत करे।

स तरह के मामलों में बेहतर है कि जो व्यक्ति स्वयं स्वेच्छा से संरक्षक बनना चाहता है वह स्वयं ही ऐसा आवेदन प्रस्तुत करे। राजस्थान में अब ऐसा आवेदन जिला न्यायालय के स्थान पर परिवार न्यायालय को प्रस्तुत किया जानि चाहिए।

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