तीसरा खंबा

बिना किसी दायित्व के किसी को भी चैक नहीं दें।

rp_cheque-dishonour-295x300.jpgसमस्या-

सुनील सिंह सिसोदिया ने गोविन्द कॉलोनी, टिगरिया बादशाह रोड, इंदौर, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मैंने अपना एक चेक किसी कंसलटेंट को दिया था नौकरी लगवाने के बदले और मुझ से एक फॉर्म फिल करवाया था कि जैसे ही आप को अपना ऑफर लेटर मिलेगा आप मुझे अपने एक माह का वेतन देंगे, उसने मुझे कुछ इंटरव्यू दिलवाए और ऑफर लेटर भी मिले और ऑफर लेटर के बदले में मैं ने उसे एक रुपए 5000/- चेक दे दिया। पर सैलरी कम होने की वजह से मैंने वह ज्वाइन नहीं किया और वह कोई और नौकरी नहीं लगवा पाया मैंने इसी बीच किसी और कंपनी में जॉब कर ली है! मैं जहाँ जॉब कर रहा हूँ वो जॉब उसने नहीं दिलवाई है और मेरी कंपनी वालो ने कहा है कि हम किसी प्रकार का फीस अमाउंट किसी भी कैंडिडेट से नहीं लेते हैं जो भी फीस अमाउंट होता है हम वो एम्प्लायर से चार्ज करते हैं ना कि किसी कैंडिडेट से और इसके अगेंस्ट में उन्होंने मुझे मेल भी कर दिया है कि हम स्वयं एक थर्ड पार्टी कंसलटेंट हैं और मेन पॉवर प्रोवाइड करते हैं बहुत सी कंपनी को अपने पे रोल पे मेन पॉवर प्रोवाइड करते हैं। मैंने अपना चेक तो स्टॉप करवा दिया है पर अब वो मुझे धमकी दे रहा है कि आप मुझे अपने चेक में लिखा अमाउंट चुकाएँ नहीं तो में आपके खिलाफ सेक्शन १३८ का केस लगाउँगा। कृपया मुझे उचित समाधान बताएँ।

समाधान-

प ने किसी व्यक्ति को चैक दिया है। जिस के बारे में आप के पास कोई सबूत नहीं है कि वह आप ने किसी दायित्व के अधीन न दे कर किसी और कारण से दिया है तो यही माना जाएगा कि आप ने किसी दायित्व के अधीन चैक दिया है। यदि वह व्यक्ति चैक बैंक में लगाता है और वह बाउंस हो जाता है तो वह आप के विरुद्ध मुकदमा कर सकता है। वैसी स्थिति में आप यदि यह साबित नहीं कर पाते हैं कि उक्त चैक किसी दायित्व के अधीन नहीं दिया गया था तो आप को सजा हो सकती है। स्टॉप पेमेंट भी चैक बाउंस की ही श्रेणी में आता है।

प ने जो चैक दिया है वह मात्र रु.5000/- का है। यदि वह व्यक्ति चैक को बाउंस करवा कर आप को नोटिस भिजवाता है तो बेहतर है कि आप उसे नोटिस मिलने के 15 दिनों में चैक की राशि का भुगतान कर दें और रसीद के साथ बाउंस हुआ चैक वापस प्राप्त कर लें। अन्यथा उस के मुकदमा करने पर मुकदमा लड़ने में ही इस से अधिक का खर्च हो जाएगा। आप ने चैक देने की गलती की है तो इतना तो भुगतना ही होगा। भविष्य में बिना किसी दायित्व के कोई चैक किसी को न दें।

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