तीसरा खंबा

बिना पुलिस या न्यायालय के इस समस्या का कोई समाधान नहीं।

rp_Desertion-marriage.jpgसमस्या-

सलोनी ने जयपुर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मेरी शादी 3 साल पहले हुई। मेरे ससुर ने मेरे घर पर आ कर शादी से पहले मेरी माँ से 1 लाख रुपया नकद मांगा, शादी मैं टीका/ दहेज के लिए। जिस पर मेरी माँ ने उन से मौखिक वाद किया कि हम यह 1 लाख नकद तो देंगे, पर आप को इन्हें हमारी बेटी को शादी के बाद देना। इसे पर वो सहमत हो गये। पर शादी में अपने रिश्तेदारो को दिखाने के लिए, जैसा टीके की रस्म में होता है 1 लाख नकद मेरे फूफा से अपने बेटे के हाथ में रखवाया और अब शादी के बाद मुझे देने से इनकार करते हैं। उन 1 लाख रुपए को उन्होंने कहीं खर्च कर दिया और अब कहते हैं कि मैने तो ऐसा कोई वादा ही नहीं किया था। आप ने मेरे बेटे की गोद में रखे तो, उस से माँगो। मेरे ससुराल के भारी जेवर जो उन्हों ने मुझे सब के सामने गिफ्ट में दिए थे, और जिसे मैंने मेरी शादी और उसके 2 महीने बाद 1 और शादी में पहना था। वो भी हड़प लिए। (3) मेरे माता-पिता ने मुझे गिफ्ट में घर का सामान लाने के लिए मेरे पति के खाते अकाउंट में डेढ़ लाख रुपए डाले थे, जिस में से सिर्फ़ 1 लाख का सामान लाया। उस में से भी आधे से ज़्यादा सामान खुद मेरे ससुर ने रख लिया। हम पति-पत्नी अलग किराए के मकान में रहते हैं। मेरे घर पर सारा सामान भी नहीं है। शादी की वीडियो शूटिंग मेरे पति के हाथ 1 लाख नकद रखते हुए और मेरे ससुराल के जेवर गिफ्ट थाल में सजाए हुए और फेरो में मेरे द्वारा पहने हुए रिकार्डेड है। मेरी माँ बीपी और फिट्स की पेशेंट है, साथ ही सामाजिक दबाव के कारण मैं पुलिस केस नहीं करना चाहती। पर क्या महिला आयोग इस में मेरी कुछ मदद कर सकता है? मेरे घर और संबंधियों में मैं ये बात फैलने नहीं देना चाहती। वरना मेरी माँ को गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। पर मैं चुप भी नहीं बैठना चाहती। मेरे पति मुझे सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। इस में सारी भूमिका मेरे ससुर की है।

समाधान-

क स्त्री को सामाजिक रूप से पुरुष की बंदिनी बना कर रखने के लिए सैंकडों वर्षों से परंपराओं का जो जाल बुना हुआ है आप उस से खुद ही नहीं निकल पा रही हैं। लोगों को पता लगेगा, बदनामी होगी, माँ घबड़ाएंगी, उन के स्वास्थ्य को हानि होगी, उन्हें पता नहीं क्या हो जाएगा। यही वे सवाल हैं जो एक स्त्री को उस बंदीगृह में बांधे रखते हैं जो विशेष रूप से समाज ने उन के लिए बुन दिया है। आप को इस से तो बाहर निकलना होगा।  बिना न्यायालय या पुलिस के पास जाए आप की समस्या का कोई समाधान नहीं हो सकता। एक बार पुलिस में या न्यायालय में जाने के बाद संबंधियों को तो पता लगेगा और आप की माता जी को भी।

माज और रिश्तेदार तो अपने अपने स्थान पर हैं। वे तो समस्याओं में आप का कितना साथ देंगे या विरोध करेंगे यह तो बाद में पता लगेगा। लेकिन उन में से हर कोई आप की इस विपदा-गाथा का रस लेने को तैयार बैठा है। आप अपने अधिकार चाहती हैं और सम्मान से जीना चाहती हैं तो इन सब की परवाह न कीजिए। आप के पास समस्या आप की माता जी की है तो उन्हें तीन चार बार में धीरे धीरे कर के सारी बात बता दीजिए और यह भी कि आप क्या करने जा रही हैं। वे पीछे हटने की सलाह दें तो भी उन्हें दृढ़ता से इनकार कर दीजिए कि अब पीछे जाना आप के लिए कठिन है। तभी आप इन सब का प्रतिकार कर सकती हैं। महिला आयोग इस मामले में आप की कोई मदद नहीं करेगा।

ब से पहले आप को चाहिए कि आप अपने पति, सास और ससुर को स्पष्ट रूप से कह दीजिए कि कोई सपोर्ट करे या न करे। कानून और पुलिस आप के साथ हैं और यदि उन्हों ने एक तय समय सीमा में आप के स्री-धन को वे आप के बैंक खाते और आप के आधिपत्य में नहीं सौंपते हैं तो आप पुलिस में रपट लिखाएंगी। उस के बाद जो होना हो हो जाए आप को उस की परवाह नहीं है। तब फिर कौन कौन जेल में जाता है यह देखा जाएगा। हो सकता है आप की इस चेतावनी मात्र से आप का काम हो जाए। यदि व सब यह नहीं करते हैं तो आप को पुलिस को रिपोर्ट लिखानी चाहिए। पुलिस कोई कार्यवाही करने से इन्कार करे, या टाल मटोल करे तो आप किसी वकील की मदद से सीधे न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर सकती हैं।

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