.मेरी शादी को 9 साल हो गया। मेरे एडवोकेट ससुर (75 वर्षीय) ने कई बार दहेज कानून की धमकी देकर अब तक काफी परेशान कर दिया है। मै एक सरकारी कर्मचारी हूँ। अब चार माह से मेरी बीबी अपने मायके में है। वे लोग मेरि बीबी को बहका कर जब तब धन वगैरा ले जाते हैं। तंग आकर मैं ने अपनी बीबी को डाँटा तो वह मायके चली गयी। जब मैं उसे लेने गया तो उन लोगों ने मेरे साथ मारपीट कर दी जिस की डाक्टरी रिपोर्ट भी मेरे पास है। जब मेने मार पीट कि शिकायत थाने मे दी तो उन लोगों ने मुझ पर दहेज कानून घरेलू हिंसा की शिकायत थाने में दे दी और मुझ पर अपनी शिकायत वापस करने का दबाव बनाया। अब उन लोगों ने मेरे खिलाफ भऱण-पोषण का केस एसीजेएम के यहाँ पंजीकृत कर दिया है। कृपया बताएँ, मुझे क्या करना चाहिए?
फीरोज भाई, आप के विवाह को 9 वर्ष हो चुके हैं, निश्चित रूप से आप दोनों के संतानें भी होंगी। आप ने उन का उल्लेख नहीं किया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इन नौ वर्षों में आप और आप की पत्नी के बीच आपसी विश्वास विकसित नहीं हो सका। जब कि गृहस्थी आपसी विश्वास से चलती है। सरकारी कर्मचारी होने के कारण यह तो हो नहीं सकता है कि आप के बीच आर्थिक तंगी के कारण कोई विवाद हो। अब आप की बीबी अपने मायके चली गई है और उस ने भरण-पोषण का मुकदमा कर दिया है तो आप को उस का सहृदयता के साथ मुकाबला करना चाहिए।
आप को चाहिए कि आप अदालत में जवाब दें कि “आप की बीबी का मायके में जा कर रहने का कोई कारण नहीं है, उसे आप के साथ आ कर रहना चाहिए। फिर भी वह अलग रहना चाहती है तो आय और पारिवारिक खऱचों को ध्यान में रखते हुए आप कुछ भरण-पोषण राशि उसे देने को तैयार हैं लेकिन यह राशि आप तभी तक दे सकते हैं जब तक वह अपने मायके में रहती है।” यह जवाब देने के साथ ही आप को चाहिए कि आप अपनी बीबी विरुद्ध उसे आप के साथ रह कर वैवाहिक जीवन व्यतीत करने के लिए आदेश दिए जाने हेतु अदालत में मुकदमा करें। अदालत आप दोनों के मध्य समझौता कराने का प्रयत्न करेगी, क्यों कि इतने लम्बे वैवाहिक जीवन के उपरांत आपसी समझ से समझौता कर लेना ही सब से बेहतर उपाय है। फिर भी जहाँ आप रहते हैं और जहाँ आप के विरुद्ध मुकदमा किया गया है वहाँ दीवानी मामलों के जानकार किसी अच्छे अनुभवी वकील से मिल कर सलाह और सेवाएँ अवश्य प्राप्त करें।