समस्या-
बहराइच, उत्तर प्रदेश से भुर्री ने पूछा है –
मैं ने अपनी पुत्री की शादी दो साल पूर्व की थी। शादी में मैं ने अपने सामर्थ्य से बढ़ कर खर्च किया ताकि मेरी बेटी का जीवन खुशहाल रहे। परन्तु शादी के तुरन्त बाद से ही मेरे बेटी के ससुराल वालों द्वारा उसे पैसों के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। मेरी बेटी के सास-ससुर आए दिन बेटी को प्रताड़ित करते हैं। मेरे दामाद तथा उसका भाई बेटी के साथ मारपीट भी करते हैं। सामाजिक भय से मैं ने एक दो बार बात करने की कोशिश भी की किन्तु वे बार बार बेटी को बरबाद कर देने की धमकी देते हैं। वे अन्य परिवारी जनों से भी आए दिन बदतमीजी करते रहते हैं और कहते हैं कि तुम मेरा कुछ नहीं कर सकते तथा पैसों की मांग करते रहते है। कृपया कोई सुझाव दीजिए।
समाधान-
आप अपनी बेटी को ससुराल नाम के उस नर्क से निकाल कर ले आइये। ऐसे ससुराल से तो अच्छा है कि वह जीवन भर अकेले जीवन गुजार दे। आप की बेटी के साथ जो अत्याचार हुए हैं वह सब क्रूरता है और धारा 498 ए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराध है। आप बेटी को उस की ससुराल से बाहर निकाल कर ससुराल के क्षेत्राधिकार वाले पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज कराइए। यदि पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है तो न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर उसे धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता में पुलिस को अन्वेषण के लिए भिजवाइए। यदि वे विवाह के समय दिया गया दहेज और उसे सभी लोगों से मिले हुए उपहार चाहे वह ससुराल वालों और उन के संबंधियों व मित्रों से क्यों न मिले हों स्त्री-धन हैं। बेटी उन की मांग भी करे। स्त्री-धन न लौटाने पर धारा 406 भारतीय दंड संहिता का भी अपराध आप के ससुराल वालों ने किया है।
आप बेटी को अपने यहाँ ले आएँ तब उस की ओर से महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा अधिनियम में भी न्यायालय में परिवाद करवाएँ जिस में आप की बेटी अपने लिए सुरक्षा और भरण पोषण के खर्चे की भी मांग करे। आप अभी इतना तो करें। बाद में जैसी परिस्थितियाँ बनें उस के अनुसार आगे कदम उठाएँ। उस समय पुनः आप तीसरा खंबा से सलाह कर सकते हैं।