तीसरा खंबा

बैंक द्वारा ग्राहक सेवा में कमी के लिए उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच के समक्ष शिकायत प्रस्तुत करें

 मुजफ्फरनगर, उ.प्र. से मनु त्यागी ने पूछते हैं –

मेरा एक चैक जिस की वैधता की छह माह की अवधि 13 फरवरी को समाप्त होनी थी, मैं ने बैंक में 9 फरवरी को प्रस्तुत किया था। बैंक ने चैक जमा कर के मुझे रसीद प्रदान की थी।   बाद में बैंक ने मुझे चैक इस टिप्पणी के साथ वापस किया कि यह अवधिपार हो चुका है। आठ सौ रुपए के इस चैक पर बैंक ने 250 रुपए भी काट लिए। मुझे क्या करना चाहिए?

 उत्तर –

मनु जी,

दि आप के चैक की अवधि 13 फरवरी को समाप्त होने वाली थी और आप ने उसे 9 फरवरी को प्रस्तुत कर दिया था तो आप सही हैं। आपने अवधि के अंतर्गत ही वह चैक बैंक में प्रस्तुत कर दिया था। आप के द्वारा बैंक को चैक प्रस्तुत कर दिए जाने पर आप के बैंक को वह चैक समाशोधन गृह को भेजा जाना था जहाँ संबंधित बैंक को उस का धन आप के बैंक को हस्तांतरित करना था। यह भी हो सकता है कि यह चैक आप के नगर के बाहर का हो औऱ डाक द्वारा चैक के जारी करने वाले बैंक की शाखा को भेजा गया हो। दूसरी स्थिति में आप के बैंक द्वारा भेजा गया चैक चैक जारीकर्ता बैंक की शाखा में देरी से पहुँचा हो और उन्हों ने अवधिपार होने के कारण चैक की राशि देने से इन्कार कर दिया हो। दोनों ही स्थितियों में त्रुटि आप के बैंक की है। आप के बैंक ने चार दिन की अवधि होने के बाद भी चैक जारीकर्ता बैंक को देरी से प्रस्तुत किया है। इस तरह बैंक ने आप को ग्राहक सेवाएँ प्रदान करने में सेवा में कमी की है और इस के साथ ही आप के खाते से 250 रुपए की भी कटौती कर ली है।

प अपने बैंक को लिख कर दें कि बैंक ने सेवाएँ प्रदान करने में त्रुटि की है और आप सेवा में की गई इस त्रुटि के लिए जो भी हानियाँ आप को हुई हैं वे और जो मानसिक संताप हुआ है उस की क्षतिपूर्ति बैंक से प्राप्त करने के अधिकारी हैं। आप इस पत्र में जो भी हानियाँ इस सेवा में कमी के कारण आप को हुई हैं और जो मानसिक संताप आप को हुआ है उस का मूल्यांकन कर बैंक से मांग करें कि वह इस क्षतिपूर्ति राशि का वह आप को निश्चित समय में ( इस के लिए एक-माह का समय बैंक को दिया जा सकता है) भुगतान करे। यदि आप का बैंक इस मामले में आप के साथ वार्ता करता है और आप की क्षतियों की समुचित पूर्ति करने को तैयार हो जाता है तो आप बैंक के साथ इस मामले को आपसी सहमति से निपटा सकते हैं। यदि आप का बैंक आप की क्षतियों की पूर्ति के लिए तैयार नहीं होता है तो आप को चाहिए कि आप अपने जिले के उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच के समक्ष अपनी शिकायत प्रस्तुत करें। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच आप को बैंक से उचित क्षतिपूर्ति दिलाएगा।

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