समस्या-
प्रकाश कुमार सिन्हा ने जहानाबाद बिहार से पूछा है-
मेरी माँ बिहार राज्य के विद्युत् विभाग में नौकरी करती थी यह नौकरी मेरी माँ को मेरे पिताजी के स्थान पर अनुकम्पा पर हुई थी मेरी माँ 2016 में रिटायर हुई थी और अभी पिछले महीने 15 सितम्बर 2021 को मेरी माँ की मृत्यु हो गयी है मेरी माँ नाम से बैंक में जो अकाउंट है उसमे में मेरे मंझले भाई का नाम साथ में जॉइंट अकाउंट आइदर और सर्वाइवर के रूप में जोड़ा हुआ है बचत खाता और सावधि जमा खाता सभी में उसका नाम जोड़ा हुआ जॉइन्ट अकाउंट है अब मेरी माँ की मृत्यु के बाद मेरा वह भाई मुझे जान मारने की धमकी देकर घर से निकाल दिया है और मुझे धमकी दिया है की तुमको माँ के जमा पैसे में से एक भी रूपया नहीं देंगे क्या मेरा भाई वह पैसे मेरी माँ के मरने के बाद बैंक से निकाल सकता है ? मेरे भाई का नाम तो जॉइंट में दिया हुआ है लेकिन यह उसने चालाकी से किया था लेकिन उन सभी अकाउंट में केवल मेरी माँ की नौकरी रिटायरमेंट और पेंशन का पैसा जमा है मेरे भाई जिसका नाम जॉइंट में है उसकी कमाई का एक रूपया भी नहीं है मेरी माँ के पैसे में से मैं अपना हिस्सा कैसे ले सकता हूँ ? इसकी क़ानूनी प्रक्रिया क्या है और मुझे क्या करना होगा और उसमे मुझे कितना खर्चा होगा ? मुझे यह भी ठीक से नहीं पता है की कुल कितना रकम मेरी माँ का बैंक में जमा है मैं केवल सेविंग बैंक अकाउंट का नंबर जानता हूँ फिक्स्ड डिपाजिट अकाउंट का नंबर नहीं मालूम है जबकि उसमे बड़ी रकम है मैं बैंक मैनेजर से मिलने गया था लेकिन उन्होंने कहा की जॉइंट अकाउंट में रुपये निकासी पर रोक नहीं लगा सकते ? मै आपसे यह पूछ रहा हूँ की रुपया की निकासी पर रोक कैसे लगा सकते हैं और मैं अपने माँ के जमा पैसे में से अपना हिस्सा कैसे ले सकते हैं और मुझे यह जानकारी कैसे मिलेगा मेरी माँ का कुल कितना रूपया कहाँ कहाँ जमा है ? मै अपना हिस्सा कैसे ले सकता हूँ?
समाधान-
आपके भाई ने आपको घर से निकाल दिया है। यदि वह घर भी आपकी माता या पिता का है तो वह आपको घर से कैसे निकाल सकता है? यदि यह सब हुए 60 दिन से कम हुए हों तो आप पुनः घर में अपनी जगह प्राप्त करने के लिए धारा 145 दं.प्र.संहिता की कार्यवाही कर सकते हैं या फिर बँटवारे का वाद संस्थित कर अपने हिस्सा और उस पर कब्जा प्राप्त करने के लिए कार्यवाही कर सकते हैं।
संयुक्त खाते में यदि निकासी के लिए ‘आईदर या सर्वाइवर’ अर्थात “कोई एक या उत्तरजीवी” का विकल्प दिया हुआ है तो आपका भाई उस खाते की सारी राशि को वापस प्राप्त कर सकता है, पर एफडी सावधि जमा में यह संभव प्रतीत नहीं होता।
“कोई एक या उत्तरजीवी” का विकल्प होते हुए भी यदि उस एक या अनेक बैंक खातों में राशि आपकी माताजी की आय की है और इसे आप साबित कर सकते हों तो आप कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं क्यों कि उस राशि पर सभी जमाकर्ताओं का अधिकार है। इस तरह की जमाओँ को प्राप्त करने के लिए आप उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए जिला न्यायाधीश को आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले आप तुरन्त बैंक को एक पत्र लिख कर सूचित करें कि जो भी धनराशि आपकी माँ के जिन एकल या संयुक्त खातों में जमा है उन्हें तब तक सीज किया जाए जब तक कि कोई अदालत किसी व्यक्ति विशेष को अदा करने का आदेश बैंक को नहीं देती है। इस के साथ ही तुरन्त उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करवा कर ऐसी अस्थायी निषेधाज्ञा प्राप्त करने हेतु प्रयत्न करें जिससे बैंक उन बैंक खातों में जमा धनराशि को न्यायालय के आदेश तक किसी को भी भुगतान न करें।
बेहतर है कि इस सम्बन्ध में किसी स्थानीय दीवानी मामलों से संपर्क कर के यह सब कार्यवाही करें।