भुगतान का दिनांक अंकित किए बिना चैक फॉर्म चैक नहीं बनता
बाल मुकुन्द शाह ने एक विचित्र प्रश्न किया है –
क्या आप बिना तारीख के चैक में धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (Negotiable Instruments Act) का मुकदमा कर सकते हैं?
उत्तर- – –
बाल मुकुंद जी,
यदि किसी चैक पर दिनांक अंकित नहीं है तो वह चैक ही नहीं है, उस के आधार पर बैंक द्वारा भुगतान नहीं किया जा सकता है क्यों कि उस पर भुगतान करने की तिथि अंकित नहीं है। यदि हम बैंक में बिना दिनांक अंकित चैक फॉर्म प्रस्तुत करते हैं तो बैंक कैशियर तुरन्त ही चैक लौटा कर कहता है कि इस पर दिनांक अंकित नहीं है दिनांक अंकित कीजिए।
अब यह हो सकता है कि कोई किसी को चैक फॉर्म केवल हस्ताक्षर कर के दे दे और उस पर अन्य प्रविष्टियाँ न करे। ऐसी स्थिति में चैक फॉर्म पर अन्य प्रविष्टियाँ किसी भी व्यक्ति के द्वारा की जा सकती हैं और उसे चैक बनाया जा सकता है। आप अब समझ गये होंगे कि मेरा मंतव्य क्या है? यदि किसी चैक फॉर्म पर दिनांक अंकित नहीं है तो उस का भुगतान बैंक द्वारा नहीं किया जा सकता है। बैंक उस चैक फॉर्म को वापस लौटा देगा। यहाँ बैंक वापस लौटाने का कारण यह बताएगा कि चैक अपूर्ण है। लेकिन हो सकता है कि ऐसे में बैंक त्रुटि करते हुए यह कारण बताए कि बैंक में पर्याप्त धन नहीं है। लेकिन बैंक की त्रुटि है। उस के आधार पर मुकदमा नहीं किया जा सकता। क्योंकि धारा 138 अपरक्राम्य विलेख अधिनियम के अंतर्गत चैक बैंक द्वारा लौटाए जाने के उपरांत भी नोटिस देने पर और नोटिस की अवधि में भुगतान न करने पर ही मुकदमा किया जा सकता है। एक अपूर्ण चैक फॉर्म को बैंक द्वारा लौटा दिए जाने पर उस के आधार पर मुकदमा नहीं किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा मुकदमा कर दे तो यह त्रुटि न्यायालय के ध्यान में ला कर मुकदमा निरस्त करवाया जा सकता है, न्यायालय के ऐसा न करने पर प्रसंज्ञान आदेश के विरुद्ध सेशन न्यायालय में पुनरीक्