पवन ने पानीपत, हरियाणा से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिता जी मुझे अपने घर से निकलना चाहते है। मैं शादीशुदा हु 2 साल की बेटी है। मैं जिस दूकान पर कपडे का काम करता हूँ वो दूकान मेरे पिता जी की है। पिता जी अपनी अलग दूकान पर काम करते है। छोटा भाई भी पिता जी के साथ काम करता है। दूकान और मकान पिता जी ने अपनी कमाई से खरीदे हैं। मैं इस कपडे की दूकान पर 8 साल से हूँ। कमाई इतनी है कि गुजारा हो जाता है। लेकिन मैं किराए के मकान और दूकान पे नहीं जा सकता इतना बोझ नहीं सहन कर सकता। मैं या मेरी बीवी सिर्फ रहने क लिए जगह और काम के लिए दूकान चाहते हैं क्या करुं कृपया बताये। मकान और दूकान माता जी के नाम है जो कि हमारे साथ रहती है पर हमारे पक्ष में नहीं है।
समाधान-
कोई तो कारण है जिस के कारण आप के माता पिता आप से रुष्ट हैं। आप उस कारण को तलाश करने की कोशिश कीजिए। यूँ ही माता पिता अपने बच्चों को खुद से अलग नहीं करना चाहते हैं। मकान दुकान दोनों पिता ने अपनी कमाई से बनाए हैं तो वे उन की इच्छा से ही आप को देंगे। कोई कानून उन्हें आप को मकान दुकान देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
मेरे एक बुजुर्ग ने एक समय मुझे सवाल पूछा था कि तुम मकान क्यों नहीं बनाते? मेरा उत्तर था मेरी कमाई इतनी नहीं। तो पूछा-कितना कमाते हो? -बस उतना कमाता हूँ जिस से खर्च चल जाता है। उन का कहना था कि तुम खर्च कम करते हो। तुम्हें अधिक खर्च करना चाहिए जिस से तुम अधिक कमा सको।
आप के पिता चाहते हैं कि आप इतना कमाएँ जिस से आप के परिवार का खर्च तो अच्छे से चले ही साथ में आप भविष्य के लिए भी कुछ कमाएँ। कब तक पिता और माता साथ देंगे। आप माता पिता से साल दो साल का वक्त मांगिए और जी तोड़ मेहनत कर अपनी कमाई बढ़ाइए। यदि आप की कमाई बढ़ी आप का कारोबार बढ़ा तो पिता की नाराजगी स्वतः दूर ह जाएगी। कानून से आप को कोई सहायता मिलेगी यह भूल जाइए।