तीसरा खंबा

भूस्वामी अपने पौत्र की आवश्यकता के लिए परिसर खाली करा सकता है।

समस्या-

अजय कुमार ने नारनौल, जिला महेंदरगरढ़, हरयाणा से पूछा है-

मेरी माँ के नाम पर एक दुकान है जिसमें किरायेदार है 30 साल से, किराया देता रहता है और हर 5 साल बाद 25% बढ़ा भी देता है।  मेरे पिता 18 साल पहले मिस्सिंग हो गये थे जिनका अभी तक कहीं पता नहीं चला और पिता जी ने सारी सम्पत्ति का पहले ही सभी में बँटवारा कर दिया था कोर्ट डिग्री से। मेरी माँ के पास इनकम का कोई साधन नहीं है। उनकी उम्र 82-83 के आसपास है। क्या वो अपने पोते के लिए (जिसका पिता अब जीवित नहीं है) खुद के काम के लिए उस दुकान को खाली करवा सकती है, कोई सही उपाय बताएँ।

समाधान-

दुकान आपकी माँ के नाम है। वे स्वामिनी हैं और किराया स्वयं लेती हैं। इस तरह वे किराया अधिनियम के अंतर्गत एक भूस्वामी (Landlord) भी हैं।

प्रत्येक भूस्वामी को यह अधिकार है कि वह अपने स्वंय के लिए अथवा अपने परिवार के किसी सदस्य की आवश्यकता के लिए परिसर को खाली करवा सके।

आपकी माताजी को अपने पौत्र की जिसके पिता का देहान्त हो चुका है, निजी आवश्यकता के लिए मकान खाली कराने का अधिकार है।

आपकी माताजी को चाहिए कि वे मकान खाली कराने के लिए किराया कानून के अन्तर्गत मकान खाली करने का मुकदमा करें। इसके लिए स्थानीय स्तर पर अच्छा वकील करें, बिना किन्हीं जटिलताओं के निजी आवश्यकता के आधार पर मकान खाली कराने का वाद संस्थित करने हेतु नोटिस दे और वाद संस्थित करे।

Exit mobile version