तीसरा खंबा

मकान मालिक गुंडागर्दी करे तो पुलिस में रपट कराएँ या अदालत को परिवाद प्रस्तुत करें।


 प्रियंका पूछती हैं – – – 

म एक दुकान में पिछले 50 वर्ष से किराएदार हैं, उसी मकान में हमारे साथ एक और किराएदार है जिस ने मकान खरीद लिया है और हम पर दुकान खाली करने के लिए गुंडागर्दी करने लगा है जो हमारे मकान मालिक है उन्हों ने रजिस्ट्री में हमारा नाम किराएदारी में लिखाया है। हमें क्या करना चाहिए?

 उत्तर – – –

प्रियंका जी,

प पहले भी किराएदार थीं और अब भी किराएदार हैं। कोई दो दिन पहले से किराएदार है या 50 साल से, वह किराएदार ही होता है। किराएदार के अधिकार और कर्तव्य समान होते हैं, किराएदारी की लंबाई से कोई फर्क नहीं पड़ता है। अब मकान के बिक जाने के कारण अंतर यह आया है  कि आप का मकान मालिक बदल गया है। किसी भी किराएदार से दुकान या मकान तभी खाली कराया जा सकता है जब कि मकान मालिक के पास कानून में वर्णित कोई आधार उपलब्ध हो। यदि आप नियमित रूप से दुकान का किराया अदा करती हैं और मकान मालिक के पास कोई अन्य आधार उपलब्ध नहीं है तो वह आप से दुकाम खाली नहीं करवा सकता है।
ब यदि मकान मालिक आप से दुकान खाली कराने के लिए गुंडागर्दी करता है या फिर गैरकानूनी तरीके इस्तेमाल करता है तो वह शांति भंग करता है या फिर अपराध कर रहा है। ऐसी स्थिति में आप को शांति भंग करने के लिए अपने वर्तमान मकान मालिक जो आप के विरुद्ध यह सब कर रहा के विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट लिखाएँ और कार्यवाही करें। यदि पुलिस थाना कार्यवाही नहीं करता है तो पुलिस अधीक्षक को अपनी शिकायत रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित करें। यदि फिर भी कार्यवाही नहीं होती है तो आप अदालत में सीधे परिवाद प्रस्तुत कर सकती हैं। यदि मकान मालिक जबरन आप से दुकान खाली कराने की कोशिश करता है तो ऐसी कोशिश के विरुद्ध आप अदालत में दीवानी वाद प्रस्तुत कर के उस के विरुद्ध इस आशय का अस्थाई व्यादेश प्राप्त कर सकती हैं कि वह दुकान को खाली कराने के लिए कानूनी तरीकों के अतिरिक्त अन्य कोई भी तरीका न अपनाए। इस के लिए आप को किसी विश्वसनीय स्थानीय वकील की सहायता प्राप्त करनी होगी।
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