तीसरा खंबा

माता से प्राप्त संपत्ति को वसीयत किया जा सकता है

समस्या-

मेरा हिन्दू परिवार है और मेरी माता को उनके पिता (मेरे नाना और नानी) के द्वारा (पैत्रिक) सम्पत्ति प्राप्त हुई और मेरी माता ने उक्त सम्पत्ति को मेरे (पुत्र के) नाम से कर दिया था। इस तरह से मैं उक्त सम्पति का पिछले 56 साल से वारिस/स्वामी के रूप में उपभोग करता चला आ रहा हूँ।  मेरी पत्नी और चार संतान है में अपनी वसीयत के आधार पर उक्त सम्पत्ति को अपनी इच्छा अनुसार पत्नी और 4 संतानों में वितरित करना चाहता हूँ।  यानी कि सम्पत्ति का वितरण कानून के माप से नहीं बल्कि अपनी संतानों की योग्यतानुसार कम ज्यादा देना चाहता हूँ।  क्या मेरी उक्त सम्पत्ति को पैतृक सम्पत्ति की ही तरह तो नहीं माना जाएगा? क्या इस सम्पत्ति पर सिर्फ मेरा ही अधिकार है? क्या उक्त वसीयत की जा सकती है?  क्या भविष्य में मेरे परिवार में कोई कानूनन विवाद तो नहीं होगा? क्या में जीवित न रहा तो तो भी ये वसीयत प्रभाव में रहेगी? मुझे क्या करना चाहिए?

-राजेश कुमार, इंदौर, मध्यप्रदेश

समाधान-

दि किसी स्त्री को उस के माता-पिता से संपत्ति प्राप्त होती है तो वह पैतृक नहीं होती है। इस तरह प्राप्त संपत्ति पूरी तरह से उस की व्यक्तिगत संपत्ति है जिसे वह किसी को किसी भाँति हस्तान्तरित कर सकती है। इसी तरह माता से प्राप्त संपत्ति भी पैतृक संपत्ति नहीं होती। वह भी व्यक्तिगत संपत्ति ही होती है, उसमें कोई साझीदार नहीं होता। इन दोनों तरह की संपत्तियों को वसीयत किया जा सकता है।

प अपनी माता जी से प्राप्त संपत्ति को बिना किसी संकोच के वसीयत कर सकते हैं। वसीयत में आप अपनी संपत्ति को अपनी इच्छानुसार अपने उत्तराधिकारियों के बीच अथवा उन व्यक्तियों को भी जो उत्तराधिकारी नहीं भी हैं दे सकते हैं। आप अपनी इच्छानुसार अपनी संपत्ति की वसीयत कर सकते हैं। इस में भविष्य में कोई कानूनी विवाद खड़ा नहीं होगा।

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