न्यायाधीश आरएस चौहान ने मयूर विहार, दिल्ली निवासी गोपाल शर्मा की विविध अपील का निस्तारण करते हुए यह निर्णय किया। गोपाल शर्मा ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 28 के तहत पत्नी अनुसूइया के क्रूर व्यवहार से तंग आ कर विवाह विच्छेद की डिक्री पारित करने की प्रार्थना की थी।
बीकानेर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश प्रथम ने शर्मा के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि आवेदनकर्ता अपनी पत्नी के क्रूर व्यवहार को साबित करने में असफल रहा है। इसके बाद शर्मा ने उच्च न्यायालय में अपील दायर करते हुए कहा कि प्रार्थी की पत्नी के व्यवहार की उसकी पुत्रियों व अन्य गवाहों ने पुष्टि की है।
प्रार्थी गोपाल शर्मा की पत्नी ने अपने व्यवहार से पति व उसके माता पिता सहित अपने बच्चों को भी परेशान कर रखा था। पति को बेवजह तंग करना व घर में कलह का वातावरण बनाए रखने से प्रार्थी के समक्ष पत्नी को तलाक देने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं रह गया था।