तीसरा खंबा

मुस्लिम विधि में पुत्री का उत्तराधिकार में हिस्सा …

lawसमस्या-

चमन ने बिहार , बिहार से बिहार राज्य की समस्या भेजी है कि-

मेरे नाना जी को पांच बेटे और एक बेटी है और नाना और नानी जी का इंतेक़ाल हो गया है। मेरी नानी की माँ ने अपनी जमीन मेरी नानी के नाम कर दी, और नानी मरने से पहले जमीन किसी के नाम कर के नही गयी है। मुझे पता करना है कि मुस्लिम लॉ के हिसाब से लड़की का हिस्सा अपनी माँ के जायदाद में कितना मिलेगा है और बाप के जायदाद में कितना हिस्सा मिलेगा।

समाधान-

मुस्लिम विधि में उत्तराधिकार गणितीय तो है ही उस के साथ साथ अनेक प्रकार की शरायतें भी उस में हैं। एक खास परिस्थिति में किसी भी उत्तराधिकारी का शेयर बदल जाता है। उस में उत्तराधिकारियों की तीन श्रेणियाँ हैं। शेयरर, रेजिड्युअरी और डिस्टेंट किंड्रेड। सबसे पहले मृतक की संपत्ति से उस के अंतिम संस्कार का व्यय, मेहर, कर्जा आदि का भुगतान किया जाता है। इन के बाद बची हुई संपत्ति शेयरर के बीच उन के हिस्सों के हिसाब से बाँटी जाती है। उन के शेयर्स का भुगतान होने के बाद शेष संपत्ति या कोई भी शेयरर उपलब्ध न होने पर रेजीड्युअरियों के मध्य बाँटी जाती है। यदि किसी मृतक/ मृतका के कोई पुत्र नहीं है तो पुत्री शेयरर्स में सम्मिलित हो जाती है। लेकिन यदि पुत्र जीवित है तो फिर पुत्र और पुत्रियाँ दोनों ही शेयरर्स नहीं होते अपितु रेजिड्यूअरी हो जाते हैं। पुत्रों को जितना मिलता है उस का आधा पुत्री को प्राप्त होता है।

प के मामले में जैसा कि आप ने विवरण दिया है कोई शेयरर मौजूद नहीं है इस कारण पाँच पुत्रों के दस शेयर होंगे तथा एक शेयर पुत्री का होगा। इस तरह माता की संपत्ति में प्रत्येक पुत्र को 2/11 हिस्सा प्राप्त होगा और पुत्री (आप की माता जी) को 1/11 हिस्सा प्राप्त होगा।dA

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