तीसरा खंबा

मूल वसीयत उपलब्ध न होने पर उस की प्रमाणित प्रति को न्यायालय की अनुमति से साबित करें।

समस्या-Will

अनिकेत ने इन्दौर, मध्यप्रदेश से समस्या भेजी है कि-

सीयत प्रमाणित किस तरह करवाई जा सकती है? उसकी फोटो स्टेट प्रतिलिपि को किसी अधिकारी द्वारा प्रमाणित करवाना पड़ता है? अथवा पंजीयन कार्यालय से उसकी प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त होती है। क्यों कि वसीयत के गवाह अब नहीं रहे।

समाधान-

सीयत को उस के गवाह ही प्रमाणित कर सकते हैं। यदि गवाहों का देहान्त हो गया है तो आप को न्यायालय के समक्ष यह साक्ष्य से यह साबित करना होगा कि वसीयत के गवाहों का देहान्त हो चुका है। इस के साथ ही उन गवाहों के हस्ताक्षर पहचानने वाले लोगों की गवाही करवा कर वसीयत को प्रमाणित किया जा सकता है। यदि ये हस्ताक्षर प्रमाणित करने वाले गवाह यह भी कह सकें कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि गवाह ने वसीयत प्रमाणित की थी तो और बेहतर होगा।

किसी भी दस्तावेज की फोटो प्रति प्रमाणित नहीं कराई जा सकती है। उस के लिए उस की असल प्रति न्यायालय के समक्ष होना आवश्यक है। यदि असल प्रति उपलब्ध न हो तो वसीयत की पंजीयन कार्यालय से प्रमाणित प्रति प्राप्त की जा सकती है। प्रमाणित प्रति प्राप्त कर उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें और न्यायालय से साक्ष्य अधिनियम की धारा 65 में न्यायालय से द्वितियक साक्ष्य प्रस्तुत करने की अनुमति प्राप्त कर उसे प्रमाणित कराएँ। यदि वसीयत पंजीकृत है तो वह इस स्थिति में प्राथमिक रूप से प्रमाणित मान ली जाएगी तथा वसीयत को चुनौती देने वाले व्यक्ति को प्रमाणित करना होगा कि वसीयत का पंजीकरण उचित नहीं था।

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