रामसेवक जी ने पूछा है —
मेरी चार बहनें और मैं एक भाई हूँ। मेरे पिता जी ने अपने जीवनकाल में उन के स्वयं के द्वारा खरीदी गई खेती की जमीन राजस्व रिकार्ड में 1988 में मेरे नाम दर्ज करवा दी थी। 2007 में उन का देहान्त हो गया। अब 2010 में मरी एक बहन उस में हिस्सा मांग रही है, क्या उस का हक बनता है?
उत्तर —
रामसेवक जी,
यह भूमि आप के पिता जी ने खरीदी थी। भूमि का यह स्थानान्तरण केवल एक पंजीकृत विक्रय पत्र के माध्यम से ही संभव है। ऐसी स्थिति में भूमि आप के नाम से खरीदी गई स्थिति में ही आप के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज की जा सकती थी। यदि वह पिता जी के नाम से खरीदी गई होती तो निश्चित ही उन के नाम दर्ज होती। यदि ऐसा होता तो उसे आप के नाम हस्तांतरण के लिए पुनः आप के नाम पंजीकरण कराना होता जो कि बेहद खर्चीला होता। इस से ऐसा लगता है कि यह भूमि आप के नाम से ही खरीदी गई थी और आप के नाम ही राजस्व रिकार्ड में दर्ज की गई थी।
यदि ऐसा है तो 19.05.1988 को The Benami Transactions (Prohibition) Act, 1988 लागू हो चुका था। इस तिथि के बाद आप के नाम खरीदी गई संपत्ति को आप की ही संपत्ति माना जा सकता है, अन्य किसी की नहीं। इस कारण से आप की कोई भी बहिन इस संपत्ति में से विभाजन की मांग नहीं कर सकती।
आप को चाहिए कि आप उक्त सभी तथ्यों की अच्छी तरह जानकारी कर लें, और अपनी संपत्ति के सभी दस्तावेजात अपने किसी निकटतम वरिष्ठ वकील को दिखा कर राय कर लें। यदि आप की बहिन विभाजन का मुकदमा कर देगी तो आप को किसी न किसी वकील की सेवाएँ प्राप्त करनी ही होंगी। आप अभी ही किसी वकील से राय कर के अपनी चिंताओं को कम कर सकते हैं, या जैसी भी परिस्थिति हो निर्णय ले सकते हैं।